नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार देश की जनता की भलाई के लिए सभी जरूरी कदम बढ़ा रही है। सरकार की तरफ से लगातार ऐसी योजनाओं पर काम किया जा रहा है जो कि लोगों की प्रगति में सहायक हों लेकिन देश में ही कुछ ऐसे शरारती तत्व मौजूद हैं जो कि शांति माहौल बिगाड़ने में लगे हुए हैं। बीते कुछ दिनों से देश के कई राज्यों में बवाल देखने को मिला रहा है। वहीं, अब इस बीच ‘चिट्ठी गैंग’ सक्रिय हो गया है। दरअसल, देश में विभिन्न मुद्दों को लेकर चल रही उठापटक के बीच एक बार फिर करीब 100 से ज्यादा पूर्व राजनयिकों ने पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को चिट्ठी लिखी है। इस पत्र में राजनयिकों की तरफ से पीएम मोदी से देश में नफरत की राजनीति बंद करने की मांग की गई है साथ ही ये भी कहा गया है।
‘आपकी चुप्पी बन सकती है बड़ा खतरा’
पूर्व राजनयिकों ने लिखी अपनी चिट्ठी में कहा है, ‘इस साल जब हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं, हमें उम्मीद है कि प्रधानमंत्री पक्षपातपूर्ण रवैये से उठकर सबके साथ समान व्यवहार करेंगे। इस माहौल में आपकी चुप्पी समाज में बहुत बड़े खतरे को जन्म दे सकती है।’
‘संवैधानिक इमारतों को गिराया जा रहा’
चिट्ठी में आरोप लगाते हुए ये कहा गया, ‘हमारे देश के संस्थापक नेताओं की ओर से बनाई गई संवैधानिक इमारत को गिराया जा रहा है। इस बात पर लोगों में बहुत गुस्सा और पीड़ा है, इसलिए वो अपनी बात रखने और अपना दुख व्यक्त करने के लिए मजबूर हैं। अल्पसंख्यक समुदाय, खासतौर पर मुस्लिमों के खिलाफ पिछले कुछ सालों में हिंसा बढ़ी है। खासकर बीजेपी शासित राज्यों जैसे असम, गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में हालात काफी गंभीर हो चले हैं। केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली में पुलिस के जरिए मनमानी की जा रही है।’
आपको बता दें, पीएम मोदी को लिखी गई इस चिट्ठी में पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन, पूर्व विदेश सचिव सुराजा सिंह, पूर्व गृह सचिव जे के पिल्लई, दिल्ली के पूर्व राज्यपाल नजीब जंग, पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के प्रिंसिपल सेक्रेट्री टीकेए नायर समेत 108 लोगों ने दस्तखत किए हैं।