नई दिल्ली। इतना सबकुछ हो जाने के बावजूद भी अगर कांग्रेस ने अपनी शैली में किसी भी प्रकार का परिवर्तन नहीं किया, तो हालात आगामी दिनों में बद से बदतर हो सकते हैं। एक तो पहले से ही कल तक जिस पार्टी का देश के हर सूबे में डंका बजता था, आज वो महज कुछ ही राज्यों में सिमटकर रह गई है। वहीं, तमाम वरिष्ठ नेता एकएक करके पार्टी को अलविदा कहते जा रहे हैं। अभी कुछ दिनों पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने पांच पन्नों का इस्तीफा कांग्रेस की अंतरिम अध्य़क्ष सोनिया गांधी को सौंपा था। जिसमें उन्होंने राहुल गांधी पर बेशुमार तोहमतें लगाई थीं। गुलाम से पहले भी कई लोग कांग्रेस को अलविदा हो चुके हैं और अब इस फेहरिस्त में एक और नेता का नाम जुड़ गया है।
आपको बता दें कि कांग्रेस नेता अशोक शर्मा ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपने इस निर्णय का कारण “मौजूदा स्थिति और अपरिहार्य परिस्थितियों को बताया है। उन्होंने अपने इस्तीफे की वजह पार्टी की मौजूदा बदहाल स्थिति को बताया है। पत्र में उन्होंने कहा है कि तमाम कोशिशों के बावजूद भी पार्टी की स्थिति में किसी भी प्रकार का सुधार देखने को नहीं मिल रहा है, जिसे ध्यान में रखते हुए अब इस्तीफा देने का फैसला किया गया है। अशोक शर्मा ने पत्र में कहा कि उन्होंने पार्टी को बुनियादी रूप से मजबूत बनाने के लिए बहुत कोशिशें की हैं। उन्होंने आगे कहा कि पार्टी में रहने के दौरान उन्हें जितनी भी जिम्मेदारी सौंपी गई थी, उसका उन्होंने निवर्हन किया और हमेशा पार्टी के हित में ही काम किया।
AICC National Coordinator, Vichar Vibhag, Ashok Sharma resigns from the party’s primary membership; states the reason for his decision to be “due to prevailing situation & unavoidable circumstances…” pic.twitter.com/qBcvdAA5bG
— ANI (@ANI) September 3, 2022
गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों से कांग्रेस में इस्तीफों की झड़ी लगी हुई है। ध्यान रहे कि बीते दिनों गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे के समर्थन में कई नेताओं ने इस्तीफा दे दिया था। इससे पहले कपिल सिब्बल ने भी कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद सपा का दामन थाम लिया था। ऐसे में अब जिस तरह से पार्टी के तमाम वरिष्ठ नेता साथ छोड़ते जा रहे हैं। यह चिंता का विषय है। आगामी दिनों में कई राज्यों में विधानसभा चुनाव भी नियत हैं। ऐसी स्थिति में पार्टी आगामी दिनों में अपनी सियासी स्थिति को दुरूस्त करने के लिए क्या कुछ कदम उठाती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी। हालांकि, अभी कुछ दिनों पहले ही पार्टी ने अपनी सियासी स्थिति को दुरूस्त के लिए भारत जोड़ों अभियान की शुरुआत करने का ऐलान किया है। अब ऐसे में इस कदम का कांग्रेस की राजनीतिक स्वास्थ्य पर क्या कुछ असर पड़ता है।