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Sachin Vs Gehlot: अशोक गहलोत और सचिन पायलट की किस्मत अगले कुछ दिनों में तय करेगा कांग्रेस आलाकमान! सूत्रों के मुताबिक…

राजस्थान में अगले साल विधानसभा चुनाव भी होने हैं। पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान सचिन पायलट राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष थे। उन्हें डिप्टी सीएम भी बनाया गया था। जब साल 2020 में सचिन पायलट ने मोर्चा खोला, तो गहलोत के कहने पर उनको डिप्टी सीएम और प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया गया था।

नई दिल्ली। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा फिलहाल 9 दिन तक नहीं है। 3 जनवरी से वो अपनी यात्रा फिर शुरू करेंगे। इसी दौरान राजस्थान के बारे में कांग्रेस आलाकमान कोई फैसला ले सकता है। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे जल्दी ही सोनिया गांधी से मुलाकात करेंगे। इस मुलाकात में तय होगा कि राजस्थान में अशोक गहलोत और सचिन पायलट का भविष्य क्या होगा। कांग्रेस आलाकमान अब तक गहलोत के खिलाफ कोई भी कदम उठाने से बचता रहा है। अब जबकि भारत जोड़ो यात्रा राजस्थान को पार कर चुकी है, तो राज्य कांग्रेस में मची उठापटक को खत्म करने के लिए आलाकमान कदम उठा सकता है।

sonia gandhi

मामला 25 सितंबर का भी है। इस साल इसी तारीख को आलाकमान के निर्देश पर मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन बतौर पर्यवेक्षक जयपुर पहुंचे थे। दोनों ने विधायकों की बैठक बुलाई थी। उस बैठक का गहलोत समर्थक 90 से ज्यादा विधायकों ने बहिष्कार किया था। विधायक अड़ गए थे कि किसी सूरत में सचिन पायलट को राजस्थान के सीएम का पद न दिया जाए। इन विधायकों के नेता के तौर पर शांति धारीवाल, महेश जोशी और धर्मेंद्र राठौड़ का नाम सामने आया था। सूत्रों के मुताबिक इनकी भूमिका के बारे में सोनिया गांधी को अजय माकन पहले ही रिपोर्ट दे चुके हैं। अब आलाकमान तीनों पर कार्रवाई भी कर सकता है।

ashok gehlot and sachin pilot

सूत्रों की मानें, तो 3 जनवरी से पहले ही राजस्थान पर अब आलाकमान फैसला ले सकता है। राजस्थान में अगले साल विधानसभा चुनाव भी होने हैं। पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान सचिन पायलट राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष थे। उन्हें डिप्टी सीएम भी बनाया गया था। जब साल 2020 में सचिन पायलट ने अशोक गहलोत के खिलाफ मोर्चा खोला, तो गहलोत के कहने पर उनको डिप्टी सीएम और प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया गया था। अब सचिन पायलट को गहलोत ने एक इंटरव्यू में गद्दार कहा है। वहीं, सचिन भी लगातार बागी तेवर दिखाने वाले गहलोत समर्थक विधायकों पर कार्रवाई के लिए कांग्रेस आलाकमान पर दबाव डाल रहे हैं।