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मिजोरम-असम सीमा विवाद में कांग्रेस कर रही सिर्फ सियासत, मामले को शांत करने पर नहीं, तूल देने में जुटी है पार्टी

Mizoram-Assam Border Dispute: केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने ट्वीट कर बताया है कि विदेश में बसे और भारत को कमजोर करने की कोशिश करने वाले लोग इस मामले में भड़काऊ बातों को ट्वीट करने में शामिल हैं।

नई दिल्ली। असम और मिजोरम के सीमा विवाद के मामले में पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात करने के बाद पूर्वोत्तर के सांसदों ने कांग्रेस पर हालात को गंभीर बनाने और शातिराना चाल चलने का आरोप लगाया है। इस मामले में कांग्रेस का रवैया देखें, तो ये आरोप पहली नजर में सही लगते हैं। कांग्रेस ने दोनों राज्यों के बीच माहौल को शांत करने के लिए अब तक कोई बयान नहीं दिया है। पार्टी अब तक सिर्फ असम और केंद्र की बीजेपी सरकार पर निशाना साधती रही है। सीमा विवाद में असम के छह पुलिसवालों की गोली लगने से मौत के बाद राहुल गांधी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधा था। उन्होंने आरोप लगाया था कि शाह ने लोगों के जीवन में नफरत और अविश्वास भरकर देश को विफल कर दिया है। यानी जहां शांति स्थापना की बात करनी चाहिए थी, वहां राहुल गांधी इस मौके को मोदी सरकार पर निशाना साधने का जरिया बनाए हुए थे। अब जरा यह भी जान लेते हैं कि बीती 28 जुलाई को कांग्रेस ने इस मामले को और भड़काने की किस तरह कोशिश की थी। उस दिन कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल दोनों राज्यों की विवादित सीमा की ओर जा रहा था। इस दल में भूपेन बोरा, देवव्रत सैकिया और सुष्मिता देव भी थे। कांग्रेस के इस दल को पुलिस ने कछार जिले के धलाई में रोक लिया था।

इसके बाद सुष्मिता देव ने बयान जारी किया कि लोग डरे और सहमे हुए हैं। सरकार पर उनको भरोसा नहीं है। उन्होंने बिना जानकारी के यह तक कह दिया कि 100 राउंड फायरिंग हुई है। सुष्मिता ने कांग्रेस की सियासत को चमकाने की कोशिश करते हुए असम सरकार पर आरोप लगा दिया कि वे तो सरकार को बताकर ही जा रहे थे, लेकिन पुलिस ने रोक दिया। उनकी ओर से यह भी कहा गया कि विपक्ष को जाने देना चाहिए ताकि जनता को लगे कि इस मामले में पक्ष और विपक्ष एक है। उधर, इस मामले में बीते दिनों ट्विटर पर असम सरकार के खिलाफ ट्रेंड चलाया गया।

Kiren Rijiju

केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने ट्वीट कर बताया है कि विदेश में बसे और भारत को कमजोर करने की कोशिश करने वाले लोग इस मामले में भड़काऊ बातों को ट्वीट करने में शामिल हैं। ताकि हिंसा भड़काई जा सके। यही आरोप मोदी से मिलने वाले पूर्वोत्तर के सांसदों ने कांग्रेस पर भी लगाया है कि वह ऐसे तत्वों को बढ़ावा दे रही है। जिससे मामले का हल निकालने में दिक्कत हो