मुंबई। पहले कांग्रेस और एनसीपी के बीच तकरार। अब उद्धव और शरद पवार की पार्टियां आमने सामने। महाराष्ट्र में इन तीन दलों की महाविकास अघाड़ी की सरकार पटरी पर नहीं दिख रही। वैसे तो तीनों पार्टियां लगातार कहती हैं कि सबकुछ ठीक है, लेकिन अगर सबकुछ ठीक है, तो तकरार क्यों हो रही है? कुछ दिन पहले कांग्रेस के नाना पटोले ने आरोप लगाया था कि शरद पवार के कहने पर उद्धव सरकार उनकी और कांग्रेस के नेताओं की निगरानी करा रही है। उस मसले पर काफी बयानबाजी हुई थी। अब एनसीपी के शिरूर से सांसद अमोल कोल्हे ने कहा है कि शरद पवार ने आशीर्वाद न दिया होता, तो उद्धव ठाकरे को सीएम की कुर्सी नहीं मिलती। कोल्हे के इस बयान के बाद शिवसेना के पूर्व सांसद शिवाजीराव पाटिल भी मैदान में आ गए और उन्होंने कोल्हे का नाम लिए बगैर पलटवार किया।
शिवाजीराव ने कोल्हे के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि शिवसेना ने पहले ही तय कर रखा है कि महाराष्ट्र का सीएम कौन होगा। पाटिल ने यह भी कहा कि सीएम के पद को लेकर शिवसेना अगले 25 साल तकर ऐसा ही करती रहेगी। शिवाजीराव के इस बयान के बाद शायद एनसीपी सांसद कोल्हे को लगा कि उन्होंने बर्र का छत्ता छेड़ दिया है। ऐसे में वह अपने बयान पर सफाई देते हुए कहते दिखे कि सीएम उद्धव ठाकरे का वह सम्मान करते हैं और अच्छे रिश्ते भी हैं। कोल्हे ने कहा कि उनके बयान को गलत तरीके से लिया गया है।
अमोल कोल्हे ने कहा कि मैं उद्धव जी का बहुत सम्मान करता हूं। अगर किसी को शक है, तो वह लोकसभा में मेरे भाषण देख सकता है। कोल्हे ने कहा कि शिवसेना सीएम के नाम पर उनकी और एनसीपी की आलोचना करती रहती है। उन्होंने कहा कि आलोचना के बाद शिवसेना के नेता उद्धव के पीछे छिप जाते हैं। इसी वजह से मैंने कहा कि शरद पवार के आशीर्वाद से उद्धव को सीएम पद मिला है। कोल्हे ने कहा कि संसद में उन्होंने हमेशा महाराष्ट्र के मुद्दों को उठाया है और उद्धव ने इस वजह से उनकी हमेशा तारीफ की है। वहीं, कोल्हे की सफाई के बाद फिर शिवाजीराव पाटिल ने निशाना साधा और कहा कि शरद पवार ने कोल्हे को अपने बयान से पीछे हटने के लिए कहा होगा।