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Corona New Variant BA.2.86: कोरोना के बीए.2.86 से दुनिया में हड़कंप, वैक्सीन लेने वालों को भी बीमार करने की बड़ी आशंका

अभी तक की जांच में पता चला है कि बीए.2.86 वैरिएंट में 30 से ज्यादा म्यूटेशन हुए हैं। इससे ये बहुत संक्रामक हो गया है। शक है कि इस वजह से पहले आए कोरोना वायरस के वैरिएंट्स से ये ज्यादा खतरनाक बन सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बीते 17 अगस्त को बीए.2.86 पर ज्यादा ध्यान देने के लिए सभी से कहा है।

नई दिल्ली। कोरोना महामारी के विषाणु का नया रूप सामने आने से हड़कंप मचा है। दुनिया के तमाम देशों में ओमिक्रॉन के नए वैरिएंट बीए.2.86 और एरिस के मरीज काफी संख्या में मिल रहे हैं। अब तक की जांच से पता चला है कि ओमिक्रॉन के ये दोनों वैरिएंट काफी संक्रामक हैं। इन वैरिएंट में अतिरिक्त म्यूटेशन यानी बदलाव भी देखा गया है। इस वजह से शरीर के रोग प्रतिरोधक क्षमता को ये चकमा दे रहे हैं। यहां तक कि कोरोना वैक्सीन के डोज लेने वाले लोगों को भी नए वैरिएंट्स ने मरीज बनाया है। डॉक्टरों ने ऐसे में लोगों को सचेत रहने और कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करने के लिए कहा है। शोध करने वालों के मुताबिक नए वैरिएंट्स लगातार आने से आम लोगों के स्वास्थ्य को अब भी बड़ा जोखिम है।

Corona virus

लोगों को डॉक्टरों ने सावधानी बरतने के लिए कहा है। अभी तक की जांच में पता चला है कि बीए.2.86 वैरिएंट में 30 से ज्यादा म्यूटेशन हुए हैं। इससे ये बहुत संक्रामक हो गया है। शक है कि इस वजह से पहले आए कोरोना वायरस के वैरिएंट्स से ये ज्यादा खतरनाक बन सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बीते 17 अगस्त को बीए.2.86 पर ज्यादा ध्यान देने के लिए सभी से कहा है। एरिस वैरिएंट पर भी नजर रखने को कहा गया है। विशेषज्ञ देख रहे हैं कि कोरोना के नए वैरिएंट कितने संक्रामक हो सकते हैं और इलाज के प्रति ये कैसा रुख अपनाते हैं।

अभी विशेषज्ञों का कहना है कि जांच के पहले दौर में पता चला है कि बीए.2.86 वैरिएंट उन लोगों को भी बीमार कर सकता है, जिन्होंने कोरोना की कोई न कोई वैक्सीन लगवा रखी है। जो लोग कोरोना के पहले शिकार हुए और शरीर में इसकी वजह से रोग प्रतिरोधक शक्ति बनी, वे लोग भी इस वैरिएंट के कोरोना से बीमार पड़ सकते हैं। सितंबर के महीने में कोरोना की नई वैक्सीन आने वाली है, लेकिन उसे लगाने के बाद ही पता चलेगा कि बीए.2.86 और एरिस पर इस वैक्सीन का कितना असर होता है। फिलहाल सचेत रहने में ही भलाई बताई जा रही है।