नई दिल्ली। कोरोनावायरस से निपटने के लिए भारत सरकार एक के बाद एक सख्त कदम उठा रही है। हालिया दिनों में कोरोनावायरस के मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिली है, लेकिन इसके बावजूद भी स्वास्थ्य मंत्रालय को उम्मीद है कि जल्द ही भारत इस महामारी पर काफी हद तक काबू पा लेगा। भारत सरकार ने भी कोरोनावायरस के खतरे को देखते हुए 3 मई तक लॉकडाउन बढ़ाने का फैसला किया है, साथ ही लगातार संक्रमण के मामलों की जांच हो रही है।
लेकिन बीच में कुछ ऐसी खबरें आ रही थी जिनमें कहा जा रहा था कि भारत सरकार के पास कोविड-19 से निपटने के लिए पर्याप्त जांच किट नहीं हैं। इसपर केंद्र सरकार ने जांच किट्स या जांच में कमी को फिर से खारिज किया है।
#WATCH In Japan, to find one positive case, 11.7 persons are tested. In Italy that number is 6.7, in US it’s 5.3, in UK it’s 3.4. Here in India, we do 24 tests for one positive case: Dr. Raman R Gangakhedkar, Indian Council of Medical Research (ICMR). pic.twitter.com/bLHDYOIr7r
— ANI (@ANI) April 16, 2020
इंडियन कॉउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने कहा है कि भारत में 24 लोगों की जांच करने पर एक कोरोना पॉजिटिव मरीज मिल रहा है, जबकि जापान में औसतन 11 लोगों की जांच में 1 संक्रमित मिल रहा है, इटली में 6.7, अमेरिका में 5.3 और यूके में 3.1 सैंपल जांच में 1 कोरोना संक्रमित मरीज मिल रहा है। यह आंकड़ा भारत के लोगों को राहत पहुंचाने वाला है इसीलिए भारत में बहुत अधिक जांच बढ़ाने की आवश्यकता नहीं है और दूसरे देशों से टेस्ट और जनसंख्या अनुपात की तुलना बिल्कुल ठीक नहीं है।
इस बारे में आगे जनाकारी देते हुए ICMR के डॉ. गंगाखेडकर ने कहा कि देश में कोरोना टेस्ट किट्स अभी 8 सप्ताह के लिए पर्याप्त है। उन्होंने कहा कि कल तक देश में 2,90,401 लोगों की जांच की जा चुकी हैं। बुधवार को 30 हजार से अधिक टेस्ट किए गए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भारत में एक शिफ्ट में 42 हजार और दो शिफ्ट में प्रतिदिन 78 हजार सैंपल जांच की क्षमता है।
केंद्र सरकार कोरोनावायरस संक्रमण के हर मामले को सख्ती से ले रही है और जांच में किसी भी तरह की कोताही नहीं बरती जा रही है। गंगाखेडकर ने आगे कहा कि भारत को चीन की दो कंपनियों से त्वरित एंटीबॉडी जांच किट समेत पांच लाख जांच किट प्राप्त हुई है। एंटी बॉडी का प्रयोग शुरुआती जांच के लिए नहीं किया जाता है, बल्कि इसका प्रयोग सर्विलांस के तौर पर किया जाता है।
कोविड-19 के हॉटस्पॉट इलाकों में ट्रेंड को देखने के लिए इसका इस्तेमाल होगा। चाइना से आए किट्स की खराब गुणवत्ता को लेकर उन्होंने कहा कि इनका इस्तेमाल सर्विलांस के लिए होगा इसलिए, गुणवत्ता का बहुत फर्क नहीं होगा। गौरतलब है कि चीन में कोरोनावायरस पर काफी हद तक काबू पा लिया गया है इसलिए वहां से फार्मासिटिकल कंपनियां दवाइयां और जांच किट निर्यात करना शुरू कर चुकी हैं।