नई दिल्ली। भारत में कोरोनावायरस के मामले हर दिन लगातार बढ़ते जा रहे हैं। मौजूदा समय में भारत में कोरोनावायरस के मरीजों की संख्या 1000 को पार कर चुकी है। वहीं स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक देश में लॉक डाउन का असर इस वक्त देखने को मिल रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस को देखते हुए देशव्यापी 21 दिन के लॉक डाउन का ऐलान किया है जो कि 14 अप्रैल तक होगा। इस देशव्यापी लॉक डाउन के चलते पूरा भारत इस वक्त अपने घरों में कैद रहने के लिए मजबूर है। दिल्ली समेत भारत के कई इलाकों से प्रवासी मजदूर लॉक डाउन के चलते पलायन कर रहे हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि भारत में लॉक डाउन का व्यापक असर देखने को मिल रहा है। उनके मुताबिक 100 से 1000 तक केस पहुंचने में भारत को 12 दिन का समय लगा जो कि और देशों की तुलना में कहीं अधिक कम है। उन्होंने दूसरे देशों का उदाहरण देते हुए बताया कि दूसरे देशों में यह आंकड़ा इस दौरान पांच से छह हजार संक्रमित मरीजों तक पहुंच गया है। हालांकि उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अभी भी भारत इसकी चपेट से दूर नहीं है और एक भी चूक हमारे लिए मुश्किल खड़ी कर सकती है।
उनके अनुसार अस्पतालों की तैयारियों को बेहतर बनाने के लिए लगातार ट्रेनिंग दी जा रही है और ट्रेनिंग देने का यह काम एम्स कर रहा है । दूसरी तरफ मिनिस्ट्री मिनिस्ट्री ऑफ स्किल डेवलपमेंट ने अपने सभी संस्थानों और हॉस्टल के साथ ही एक लाख कर्मचारी कोविड-19 से निपटने के लिए दिए हैं।
गौरतलब है कि भारत में हर दिन कोरोना वायरस के टेस्ट किए जा रहे हैं। अब तक कोरोना वायरस के भारत में 38442 टेस्ट किए जा चुके हैं। रविवार को ही 3501 टेस्ट किए गए हैं। बता दें कि भारत सरकार को कोरोना वायरस से निपटने के लिए पूरी तरीके से प्रतिबद्ध है और इसको लेकर लगातार प्रधानमंत्री मोदी खुद तैयारियों का जायजा ले रहे हैं।