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Delhi Riot: ताहिर हुसैन को झटका, दंगाइयों को मानव हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया कहकर अदालत ने खारिज कर दी जमानत याचिका

Delhi Riot: कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि दंगाइयों को उकसाने के लिए ताहिर हुसैन मौके पर मौजूद था। यह बातें कोर्ट के सामने रखे गए तथ्यों के रिकॉर्ड में दर्ज है। अदालत ने यह भी कहा कि ताहिर हुसैन ने दंगाइयों को मानव हथियार के रूप में इस्तेमाल किया।

नई दिल्ली। दिल्ली की कड़कड़डूमा अदालत ने पिछले वर्ष हुई दिल्ली हिंसा से जुड़े एक मामले में आम आदमी पार्टी के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन की जमानत याचिका खारिज कर दी है। कड़कड़डूमा कोर्ट ने ताहिर हुसैन को दिल्ली हिंसा का मास्टरमाइंड बताते हुए उसकी जमानत खारिज कर दी। साथ ही कहा कि ताहिर हुसैन ने उत्तर-पूर्व दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा भड़काने के लिए अपनी ताकत और राजनीतिक पावर का दुरुपयोग किया।

Delhi Riots

कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि दंगाइयों को उकसाने के लिए ताहिर हुसैन मौके पर मौजूद था। यह बातें कोर्ट के सामने रखे गए तथ्यों के रिकॉर्ड में दर्ज है। अदालत ने यह भी कहा कि ताहिर हुसैन ने दंगाइयों को मानव हथियार के रूप में इस्तेमाल किया। कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा कि फरवरी 2020 के दिल्ली हिंसा भारत जैसे देश, जो एक सुपरपावर बनने की राह पर है, उसकी अंतरात्मा पर एक गहरा जख्म है।

Tahir Hussain

बता दें कि पिछले वर्ष 24 फरवरी को उत्तर-पूर्व दिल्ली में सीएए-एनआरसी के मुद्दे पर दो समुदायों के बीच जमकर हिंसा और उपद्रव हुआ था। तीन दिन तक यह पूरा इलाका हिंसा की आग में झुलसता रहा था। इस हिंसा में 53 लोगों की मौत हुई थी जबकि डेढ़ सौ से ज्यादा लोग घायल हुए थे। इस घटना के वक्त अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत के दौरे पर आए हुए थे।

इससे पहले भी दिल्ली हिंसा मामले में ताहिर हुसैन को ‘सरगना’ बता कोर्ट ने खारिज की थी जमानत याचिका

दिल्ली की एक अदालत ने गुरुवार को आम आदमी पार्टी के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन द्वारा तीन मामलों में दायर जमानत याचिकाओं को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने दिल्ली के दंगों में उनकी सक्रिय भूमिका के सबूत के आधार पर याचिकाओं को खारिज कर दिया और यह भी कहा कि उन्होंने धन और अपने राजनीतिक रसूख का इस्तेमाल करते हुए ‘सरगना’ की तरह हिंसा की योजना बनाई। कड़कड़डूमा जिला अदालत (Karkardooma court) ने पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन (Tahir Hussain) की जमानत अर्जी खारिज कर दी। दिल्ली हिंसा (Delhi Violence) से जुड़े तीन मामलों में उनके लिए जमानत की मांग की गई थी। कोर्ट ने ताहिर हुसैन की याचिका को यह कहकर खारिज कर दिया कि वह 8 अन्य मामलों में आरोपी हैं और जमानत मिलने पर गवाहों के साथ छेडछाड़ कर सकते हैं। ऐसे में हिंसा की जांच को भी प्रभावित किया जा सकता है, इसलिए अभी उन्‍हें जमानत नहीं दी जा सकती है।

Tahir Hussain

दिल्‍ली पुलिस का दावा है कि ताहिर हुसैन ने पूछताछ में बताया, ‘मेरे जानकार खालिद सैफी ने कहा कि तुम्‍हारे पास राजनीतिक पावर और पैसा दोनों है, जिसका इस्तेमाल हिंदुओं के खिलाफ और कौम के लिए करेंगे। मैं इसके लिए हमेशा तैयार रहूंगा। कश्मीर में अनुच्‍छेद 370 हटने के बाद खालिद सैफी मेरे पास आया। उसने कहा कि इस बार अब हम चुप नहीं बैठेंगे। इसी बीच राम मंदिर के फैसले के साथ सीएए भी आ गया। अब मुझे लगा कि पानी सिर से ऊपर जा चुका है। अब तो कुछ कदम उठाना पड़ेगा।’

दिल्‍ली पुलिस के दावे के अनुसार ताहिर हुसैन के कबूलनामे के मुताबिक, ‘8 जनवरी को खालिद सैफी ने मुझे जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद से शाहीन बाग में पीएफआई के दफ्तर में मिलवाया था। जहां उमर खालिद ने बोला कि वह मरने-मारने को राजी है। वहीं, खालिद सैफी ने कहा कि पीएफआई का सदस्य दानिश हिंदुओं के खिलाफ जंग में हमारी पूरी फाइनेंशियल मदद करेगा।’ साथ ही ताहिर ने बताया कि पीएफआई के दफ्तर में उन्‍होंने प्लान बनाया कि दिल्ली में कुछ ऐसा करेंगे, जिससे यह सरकार हिल जाए। इसके बाद वह CAA वापस ले लेगी। खालिद सैफी का काम लोगों को भड़का कर सड़कों पर उतारने का था।

Tahir Hussain

इस पूरे मामले में स्पेशल सेल की सबसे बड़ी जांच में जिन 15 लोगों को फिलहाल यूएपीए के तहत आरोपी बनाया गया है उनके नाम हैं, अब्दुल खालिद सैफ़ी, ताहिर हुसैन, इशरत जहां, मीरान हैदर, गुलिशा, सफूरा जरगर, शफ़ा उर रहमान, आसिफ इक़बाल तन्हा, शादाब अहमद, नताशा नरवाल, देवांगना कलिता, तस्लीम अहमद, सलीम मालिक, सलीम खान और अतहर खान।