नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में तमाम आपराधिक गतिविधियों पर विराम लगाने की दिशा में केजरीवाल सरकार के तमाम दावे और वादे और खोखले साबित हो रहे हैं। अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर ऐसा क्या हो गया कि आप मौजूदा सरकार के संदर्भ में इस तरह की भूमिका रचा रहे हैं। आखिर माजरा क्या है। जरा कुछ खुलकर बताएंगे। तो चलिए अब हम आपको सब कुछ खुलकर बताते हैं। दरअसल, खबर है कि दिल्ली पुलिस ने दिल्ली-एनसीआर के इलाके में मोबाइल फोन और लैपटॉप लूटने वाले कुख्यात गिरोह का भंडाफोड़ किया है। पुलिस की क्राइम ब्रांच की इंटर स्टेट सेल (ISC) की टीम ने अपराध से जुड़े तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों के मुताबिक, तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
वहीं, मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, आरोपियों की पहचान सलीम हुसैन (44), अनिल कुमार (46) और सरवनन गोपाल (31) के रूप में हुई है। पुलिस ने इनकी गिरफ्तारी के साथ ही इनके कब्जे से चोरी के 36 एंड्राइड मोबाइल फोन और 5 लैपटॉप बरामद किए हैं। साथ ही वारदात को अंजाम देने वाले वाहन को भी बरामद कर लिया गया है। इसके अलावा, एक अन्य आरोपी कुलदीप सिंघा को पुलिस ने गिरफ्तार किया था, जिसने खुलासा किया कि वह अनिल से चोरी के मोबाइल फोन प्राप्त करता था। इसके बाद पुलिस ने अनिल की गिरफ्तारी पर फोकस करना शुरू कर दिया। आईएससी के मुताबिक, अनिल गोविंदपुरी, करोल बाग और दक्षिण और दक्षिण-पूर्वी दिल्ली के अन्य इलाकों में घूमने जाता था।
वहीं, दिल्ली पुलिस ने इस पूरे मसले के संदर्भ में विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि, ‘जांच की प्रक्रिया के दौरान, अपराध शाखा को संदिग्धों के सीसीटीवी फुटेज मिले, जिससे उन्हें अपराध का पर्दाफाश करने में मदद मिली। “टीम ने आरोपी अनिल कुमार के खिलाफ सभी आपराधिक रिकॉर्ड और जानकारी एकत्र की है। टीम ने उसके सभी संभावित ठिकानों पर छापेमारी की, उसके रिश्तेदारों और दोस्तों से पूछताछ की, मुखबिरों को तैनात किया, आपराधिक खुफिया जानकारी एकत्र की और मालवीय नगर और करोल बाग, दिल्ली के इलाके में जाल बिछाया’।
विशेष रूप से, 6 अप्रैल को, टीम ने अनिल को उसके दो सहयोगियों- सलीम और सरवनन के साथ गिरफ्तार किया। पूछताछ के दौरान अनिल ने बताया कि वह साल 2015 में आरोपी कुलदीप से संपर्क करता था और उसे चोरी के मोबाइल फोन बेचता था। कुलदीप की गिरफ्तारी के बाद उसने चोरी के मोबाइल फोन किशन को देना शुरू कर दिया। अनिल ने यह भी खुलासा किया कि सलीम उसका सहपाठी था, जो कोविड से पहले फिल्मों, टीवी विज्ञापनों और धारावाहिकों में मेकअप आर्टिस्ट के रूप में काम कर रहा था। सलीम आगे सरवनन के संपर्क में आया। कथित तौर पर, अनिल ने कुलदीप को 400 से अधिक मोबाइल फोन दिए थे और उसने प्रति मोबाइल फोन पर लगभग 500 से 700 रुपये कमाए।