मुंबई। एनसीपी चीफ शरद पवार और उनके भतीजे अजित पवार की वजह से आजकल महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी और विपक्ष के नेता परेशान हैं। शरद पवार ने कांग्रेस और विपक्ष को ये कहकर झटका दिया कि अडानी मामले में जेपीसी की जरूरत नहीं है। वहीं, अजित पवार ने पीएम नरेंद्र मोदी की डिग्री के मुद्दे को गलत बताया और ईवीएम का भी समर्थन किया। अब अजित पवार ने एक बार फिर जो किया है, उससे महाराष्ट्र की सियासत गरमाती दिख रही है। अजित के इस कदम से उद्धव ठाकरे गुट भी भविष्य को लेकर शंका में दिख रहा है। दरअसल, अजित पवार ने बुधवार को मुंबई के सह्याद्री गेस्ट हाउस में सीएम एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की है। इस मुलाकात की वजह का अभी खुलासा नहीं हुआ है।
अजित पवार की एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात के बाद उद्धव गुट के सांसद संजय राउत के बयान ने अघाड़ी में चिंता को उजागर कर दिया। संजय राउत ने कहा कि अजित पवार का भविष्य एनसीपी में ही उज्ज्वल है। शायद वो बीजेपी में शामिल न हों। राउत ने ये भी कहा कि अजित तो एनसीपी के वरिष्ठ नेता हैं। वो बीजेपी के गुलाम नहीं बनेंगे। संजय राउत बोले कि अजित पवार पर हमको पूरा भरोसा है। उद्धव के करीबी राउत ने ये भी कहा कि वो जल्दी ही अजित पवार और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले से बातचीत करेंगे।
संजय राउत ने ये भी कहा कि शरद पवार हमारे अभिभावक हैं। हम उनके साथ हैं। हमने उद्धव जी के साथ उनके पास जाकर कई मुद्दों पर चर्चा की। एनसीपी से उद्धव गुट के जुड़ाव को संजय राउत ने फेवीकोल वाला बताया और कहा कि इसे कोई अलग नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि इस रिश्ते पर कोई भ्रम वाली बात है ही नहीं। फिर भी संजय राउत का बयान ये साबित कर रहा है कि अजित पवार के ताजा कदमों से उद्धव खेमे में खलबली जरूर है।