नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने एक बार फिर यूरोप के देशों को खरी-खरी सुनाई है। मसला रूस से कच्चा तेल खरीदकर उसे पेट्रोल-डीजल में बदलने और यूरोप में बेचने का है। यूरोपीय संघ की विदेश नीति प्रमुख जोसेफ बोरेल ने इस मामले में भारत पर कार्रवाई की मांग कर दी थी। जिसपर जयशंकर ने यूरोपीय देशों को एक बार फिर तगड़ा जवाब दिया है। बोरेल ने मंगलवार को कहा था कि भारत लगातार रूस के तेल को पेट्रोल-डीजल में बदलकर यूरोप के देशों को बेच रहा है। जबकि, यूरोपीय देश रूस के ऊर्जा क्षेत्र पर कार्रवाई कर उसपर दबाव बना रहे हैं। जोसेफ बोरेल ने कहा था कि रूस से भारत जो तेल खरीद रहा है, उससे शिकायत नहीं है, लेकिन यूरोपीय संघ को भारत में बने प्रोडक्ट के मामले में कार्रवाई करनी चाहिए।
जोसेफ बोरेल के बयान के बाद विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने उनको नसीहत दी। जयशंकर ने कहा कि बोरेल को यूरोपीय संघ के नियमों को जरूर देखना चाहिए। उन्होंने कहा कि यूरोपीय संघ के नियम देखें, तो रूस के कच्चे तेल को तीसरे देश में काफी हद तक बदला जाता है और तब इसे रूस का नहीं माना जाता है। जयशंकर ने कहा कि बोरेल को यूरोपीय संघ के 2014 में बने नियम 833 को देखना चाहिए। इससे पहले भी जयशंकर और पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी कई बार रूस का कच्चा तेल खरीदने के मामले में यूरोप के कुछ देशों की तरफ से उठाए गए सवाल पर पलटवार कर चुके हैं।
#WATCH | My understanding of council regulations is that Russian crude is substantially transformed in a third country & not treated as Russian anymore. I would urge you to look at Council’s Regulation 833/2014: EAM Dr Jaishankar when asked about EU Foreign Policy chief Josep… pic.twitter.com/5Dh5PH9yfX
— ANI (@ANI) May 17, 2023
बता दें कि पिछले साल 24 फरवरी को रूस ने यूक्रेन पर हमला किया था। रूस के खिलाफ और यूक्रेन के साथ यूरोप के देश खड़े हैं। अमेरिका के बाद यूरोपीय संघ के देशों ने भी रूस पर तमाम प्रतिबंध लगाए थे। भारत ने रूस से सस्ती कीमत पर कच्चा तेल खरीदना जारी रखा। इसपर यूरोप के देश काफी नाराज हुए। अब यूरोपीय संघ के विदेश नीति प्रमुख ने भारत पर कार्रवाई की मांग की, तो उनको भी विदेश मंत्री जयशंकर के तगड़े पलटवार का सामना करना पड़ा है।