नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के दो सदस्यों के खिलाफ अनुपूरक अभियोजन शिकायत पीएमएलए कोर्ट में धनशोधन मामले के दृष्टिगत दाखिल की है। इससे पूर्व पीएफआई के अब्दुल रजाक पीडियाक्कल अब्दुल रजाक बीपी और अशरफ खादीर अशरफ एम.के.व उनके छात्र संघ के खिलाफ अभियोजन शिकायत दाखिल की गई थी। इन सभी पीएफआई सदस्यों पर आरोप है कि यह मुन्नार में एक आवासीय परियोजना – मुन्नार विला विस्टा परियोजना (एमवीवीपी) विकसित कर रहे थे, ताकि विदेश से अर्जित धन का शोधन किया जा सकें व कट्टरपंथी गतिविधियों को धार देने हेतु धनार्जन कर सकें। जांच में पाया गया कि ‘अपराध की आय’ को बेहिसाब और अस्पष्टीकृत नकदी के साथ-साथ विदेशी धन के रूप में एमवीवीपी में रखा गया था और इसे बेदाग के रूप में पेश किया गया था। जांच से पटाक्षेप हुआ है कि पीएफआई का दीर्घावधि सदस्य अब्दुल रज्जाक मध्यावधि देशों समेत विदेश में अपने संगठन के लिए धन एकत्रित करने में अहम भूमिका निभाता था। बता दें कि उसने 34 लाख रूपए यूएई से रिहैब इंडिया फाउंडेशन (RIF) को ट्रांसफर किए थे। उसी तरह से रज्जाक ने 2 लाख रूपए सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी के प्रमुख एम. के. फैज़्यो को ट्रांसफर किए थे। जांच से पटाक्षेप हुआ है कि रज्जाक विभिन्न गतिविधियों से अपने संगठन के लिए धन संग्रहित करता था।
इस तरह से उसने कुल 19 करोड़ रूपए अवैध माध्यम से भारत स्थित अपने संगठन को ट्रांसफर किए थे। जांच से खुलासा हुआ है कि पीएफआई स्टेट केरला का कार्यकारी अध्यक्ष अशरफ एमके जिसे मूल रूप से एनआईए ने 2010 के प्रोफेसर जोसेफ के हाथ काटने के मामले में एक आरोपी के रूप में आरोपित किया था। सरकारी अधिकारियों के मुताबिक, अब्दुल रज्जाक पीएफआई के धनार्जित करने हेतु विभिन्न गतिविधियों में भी शामिल था।
ED has filed a Supplementary Prosecution Complaint against 2 leaders of the Popular Front of India (PFI) under PMLA, 2002 before the Hon’ble Special PMLA Court, Lucknow. Cognizance of the offence of money laundering has been taken by the Court.
— ED (@dir_ed) May 13, 2022
जांच के दौरान अब्दुल रजाक बीपी और अशरफ एम.के. मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध में पीएमएलए की धारा 19 के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया गया था। अपराध से करीब सवा लाख रुपए की आय हुई है। ईडी द्वारा दायर वर्तमान पूरक अभियोजन शिकायत में 22 करोड़ की पहचान की गई है। रिपोर्ट के मुताबिक, पीएफाई के लिए धन संग्रहित करने हेतु उक्त दोनों आरोपी आपराधिक गतिविधियों में भी संलिप्त रहे थे।
जबकि उक्त निधियों का एक हिस्सा एमवीवी परियोजना के साथ-साथ टीआईएसपीएल में रखा गया था और इसे बेदाग के रूप में पेश किया गया था, एक बड़े हिस्से का उपयोग पीएफआई और उससे संबंधित संस्थाओं द्वारा अपनी निरंतर कट्टरपंथी और गैरकानूनी गतिविधियों को करने के लिए किया गया था। अब्दुल रजाक बीपी, अशरफ एमके और उनके सहयोगियों द्वारा आपराधिक साजिश के अपराध से संबंधित आपराधिक गतिविधि के परिणामस्वरूप जुटाई गई / एकत्र की गई धनराशि ‘अपराध की आय’ के रूप में योग्य है। उक्त प्राथमिकी के अनुसार, आपराधिक साजिश के तहत, कुछ पीएफआई सदस्य एक आतंकवादी गिरोह बनाने की योजना बना रहे थे और एक साथ यूपी में कई महत्वपूर्ण और संवेदनशील स्थानों और व्यक्तित्वों पर हमले करने के इरादे से घातक हथियार और विस्फोटक उपकरण एकत्र कर रहे थे। राष्ट्र की एकता, अखंडता और संप्रभुता और सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने के लिए।