newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

चीन को सबक सिखाने के लिए पूर्व सैनिकोंं ने की बड़ी पहल, जिसे सुनकर आपका सीना भी गर्व से चौड़ा हो जाएगा

इंदौर में रहने वाले सेना से सेवानिवृत्त पूर्व सैनिकों ने राष्ट्रपति के नाम पत्र लिखकर कहा है कि वे दुश्मन से लोहा लेने के लिए सरहद पर जाने को तैयार हैं।

नई दिल्ली। सीमा पर चीन को कड़ा सबक सिखाने के लिए अब पूर्व सैनिकों ने बड़ी पहल की है। दरअसल, पूर्व सैनिकों और अफसरों ने ऐसी पहल की है जिसे सुनकर आपका सीना गर्व से चौड़ा हो जाएगा। पूर्व सैनिकों ने कहा है कि वे युद्ध की स्थिति में ग्राउंड ड्यूटी करना चाहते हैं। बता दें कि चीन से तनातनी के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को अचानक लेह पहुंचे। यहां उन्होंने अग्रिम पोस्ट पर जवानों से मुलाकात की और मौजूदा हालातों का जायजा लिया। इस दौरान जहां पीएम मोदी ने सेना के जवानों का हौसला बढ़ाया। वहीं उन्होंने चीन को कड़ा संदेश भी दिया।

इंदौर में रहने वाले सेना से सेवानिवृत्त पूर्व सैनिकों ने राष्ट्रपति के नाम पत्र लिखकर कहा है कि वे दुश्मन से लोहा लेने के लिए सरहद पर जाने को तैयार हैं। पूर्व सैनिक एवं वेट्रन्स एसोसिएशन ऑफ इंदौर के पदाधिकारियों सहित करीब 50 पूर्व सैनिकों ने सांसद शंकर लालवानी को राष्ट्रपति के नाम लिखा यह पत्र सौंपा है।

एसोसिएशन अध्यक्ष डॉ. एसएल शर्मा ने बताया कि राष्ट्रपति के नाम लिखे पत्र में सेना से सेवानिवृत्त लोगों के नाम और जिस यूनिट से वे सेवानिवृत्त हुए हैं, उसकी जानकारी दी गई है। कहा गया है कि वर्तमान में देश पर चीन का संकट मंडरा रहा है। ऐसी स्थिति में सभी पूर्व सैनिक अपने काम पर लौटने को तैयार हैं और इसके लिए उन्हें केंद्र सरकार से किसी भी तरह का वेतन नहीं चाहिए।

गौरतलब है कि पूर्व सैनिक एवं वेट्रन्स एसोसिएशन ऑफ इंदौर में करीब 200 पूर्व सैनिक शामिल हैं। वहीं सेना के रिटायर्ड अधिकारियों का कहना है कि हमारी एक संस्था है। पूर्व सैनिक वेटरनेसोसेशियन ऑफ इंदौर के अंदर थल सेना, वायुसेना, आईटीबीपी, असम रायफल्स, बीएसएफ, सीआरपीएफ ये सब इनके सदस्य है और पूर्व सैनिक हैं। वहीं जब देश संकट से गुजर रहा है तो ऐसे में हम लोग की तरह से देश की मदद कर सकते है। क्योंकि इन रिटायर्ड अधिकारियों के पास जज्बा और अनुभव दोनों है इसी अनुभव से आज देश के जो हालात है उसमें हम 61 रिटायर्ड अधिकारी अपनी सेवा देने चाहते है जिसके लिए हमे मंजूरी दी जाए।

Madhya Pradesh

वहीं सांसद शंकर लालवानी ने रिटायर्ड सेना के अधिकारियों को भरोसा जताया कि उनका पत्र राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री तक जरूर पहुंचाया जाएगा।