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Budget: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पर ‘मांगी माफी’, करदाता से जुड़े इस मसले पर रखा पक्ष (VIDEO)

Finance Minister Nirmala Sitharaman : दरअसल, बजट में प्रस्तावित आयकर स्लेब में किसी भी प्रकार का परिवर्तन नहीं किया गया है। वहीं, वेतनधारी कर्मियों की तरफ अपेक्षा की जा रही थी कि इस बजट में आयकर में नरमी लाई जाएगी। आयकर के दर में कटौती की जाएगी, चूंकि कोरोना काल में वेतनकर्मियों के वेतन में कटौती की गई थी और उन्हें पहले की दर से हिसाब ही आयकर भरना पड़ रहा था।

नई दिल्ली। आज यानी की एक फरवरी को संसद में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2022-23 की आर्थिक गतिविधियों के संदर्भ में बजट पेश किया। सरकार का दावा है कि यह बजट आम जनता, किसान और श्रमिकों के हितों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है। वहीं, विगत दो वर्षों के कोरोना की मार से बेहाल हो चुके लोगों को इस बजट से बेशुमार उम्मीदें थीं। लेकिन इस बजट के पेश होने के बाद विपक्षी दलों को तो छोड़ ही दीजिए, बल्कि आम जनता भी अपनी शिकायतें दर्ज करवा रहे हैं। उनका कहना है कि इस बजट से उनकी उम्मीदें मुकम्मल होती हुई नजर नहीं आ रही है। इस बजट के पेश होने के बाद लोगों के शिकवे उभरकर सामने आ रहे हैं। अब इसी बीच वित्त मंत्री ने इस बजट को लेकर माफी मांगी है। आइए, आगे की रिपोर्ट में आपको बताते हैं कि आखिर क्यों वित्त मंत्री ने मांगी माफी।

FM Nirmala Sitharaman

जानिए, क्यों मांगनी पड़ गई वित्त मंत्री को माफी

दरअसल, बजट में प्रस्तावित आयकर स्लेब में किसी भी प्रकार का परिवर्तन नहीं किया गया है। वहीं, वेतनधारी कर्मियों की तरफ से अपेक्षा की जा रही थी कि इस बजट में आयकर में नरमी लाई जाएगी। आयकर के दर में कटौती की जाएगी, चूंकि कोरोना काल में वेतनकर्मियों के वेतन में कटौती की गई थी, लेकिन उन्हें पहले की दर से हिसाब ही आयकर भरना पड़ रहा था, जिससे उन्हें आर्थिक दुश्वारियों  का बदस्तूर सामना करना पड़ रहा था। ऐसे में आम जनता की इस बजट से बेशुमार उम्मीदें होना लाजिमी थीं कि केंद्र सरकार की तरफ से इस बजट के जरिए उन्हें कुछ राहत प्रदान करे, लेकिन अफसोस ऐसा कुछ हुआ नहीं।

nirmala sitharaman

वहीं, जब इस संदर्भ में वित्त मंत्री से प्रेस वार्ता में सवाल किया गया तो पहले उन्होंने खामोश रहना ही मुनासिब समझा है, लेकिन जब लगा कि अब उन्हें जवाब देना होगा, तो उन्होंने कहा कि मैं इसके लिए माफी मांगती हूं। उन्होंने आगे कहा कि मौजूदा हालात हमें आयकर के दरों में कटौती की इजाजत नहीं देती है। उन्होंने आगे अपने जवाब को विस्तारित करते हुए कहा कि कई बार ऐसा होता है कि जब आपको निंदित जवाब देने से खुद को बचाना होता है। कई बार ऐसे मौके आते हैं, जब आपको थोडा इंतजार करना होता है।

गिनाई सरकार की उपलब्धियां

इसके अलावा उन्होंने कहा कि कोरोना काल में आर्थिक दुश्वारियों का सामना कर रहे मध्यमवर्गियों, किसानों व लघु एवं सीमांत वर्ग के लोगों, जो आर्थिक दुश्वारियां का सामना कर रहे हैं, उन्हें राहत पहुंचाने के लिए सरकार ने सराहनीय कार्य किया है। वहीं, उन्होंने आयकर के स्लैब में बढ़ोतरी के संदर्भ में कहा कि मैंने विगत वित्तीय वर्ष में भी आयकर के स्लैब में किसी भी प्रकार की कोई बढ़ोतरी नहीं की थी और न ही इस वर्ष किया है। मैंने अतरिक्त आय अर्जित आय करने हेतु ऐसा कुछ नहीं किया है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से निर्देश मिल चुके थे कि राजकोषीय घाटे की बढ़ोतरी के बाद भी टैक्स पेयर पर किसी भी प्रकार का आर्थिक बोझ नहीं बढ़ाना है। उहोंने कहा कि कोरोना काल में आर्थिक दुश्वारियों का सामना कर रहे लोगों को किसी भी प्रकार की समस्याओं का सामना न करना पड़े, यही हमारी कोशिश है।