नई दिल्ली। एक तो वैसे ही कांग्रेस की दुर्गति अपने चरम पर रहती है और अब एक बार फिर से पार्टी को बड़ा झटका उस वक्त लगा, जब वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया। बता दें कि गुलाम नबी पिछले कई दिनों से पार्टी नेतृत्व खफा थे। वे जी-2 3 समूह के सदस्य थे और पार्टी में मूलभूत परिवर्तन की मांग पिछले काफी समय से करते आ रहे थे, लेकिन उनकी बात को तवज्जो देना तो दूर, बल्कि उनकी सुनी भी नहीं जा रही थी। हालांकि, जब उनकी नाराजगी की खबर गांधी परिवार को हुई, तो उन्हें कथित तौर पर मनाने की कोशिश की गई थी, लेकिन उनके इस्तीफे ने इस बात की अधिकृत रूप से पुष्टि कर दी है कि गांधी परिवार गुलाम नबी आजाद को मनाने में विफल हो गया।
आपको बता दें कि गुलाम नबी ने कांग्रेस की अंतरिम अध्य़क्ष सोनिया गांधी को पांच पन्नों का इस्तीफा भी सौंपा है। बताया जा रहा है कि इस पत्र में उन्होंने अपने इस इस्तीफे की वजह के साथ-साथ गांधी परिवार को भी जमकर खरी खोटी सुनाई है। आइए, जरा आपको विस्तार से बताते हैं कि उन्होंने क्या कुछ कहा है। दरअसल, गुलाम नबी आजाद ने अपने पत्र में कहा कि बड़े खेद और अत्यंत भावुक हृदय के साथ मैंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से अपना आधा शताब्दी पुराना नाता तोड़ने का फैसला किया है। इस बीच गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत सोनिया गांधी पर निशाना साधा है और विगत चुनावों में कांग्रेस के निराशाजनक प्रदर्शन का भी उल्लेख किया है।
यहां ध्यान देने वाली बात है कि गुलाम नबी आजाद ने अपने इस्तीफे के शुरुआती पनों में कांग्रेस के नाम तारीफ में कसीदे पढ़े हैं, लेकिन फिर इसके बाद वे मुद्दे की बात पर आते ही राहुल गांधी का जिक्र करते हैं। उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि साल 2013, जब से राहुल गांधी को वाइस प्रैसिडेंट के पद पर नियुक्त किया गया था, तभी से पार्टी के तमाम तंत्र ध्वस्त हो गए।
Ghulam Nabi Azad quits Congress
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— ANI Digital (@ani_digital) August 26, 2022
उन्होंने पत्र में लिखा है कि राहुल गांधी द्वारा पार्टी की कमान संभालने के बाद तमाम वरिष्ठ नेताओं को हाशिये पर खड़ा कर दिया गया और तमाम नीतिगत फैसले राहुल द्वारा ही लिए जाने लगे। यह कहने में कोई गुरेज नहीं है कि पार्टी में निरंकुश स्थिति पैदा हो गई। यही नहीं, मीडिया द्वारा कई मौकों पर राहुल गांधी की अपरिपक्वता स्पष्ट हो हई है। जिससे कहीं ना कहीं पार्टी की छवि खराब हो गई। आपको बता दें कि गुलाम नबी आजाद ने एक हिस्से में राहुल गांधी की अपरिपक्वता का जिक्र किया है, जिसमें उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की अपरिपक्वता उस वक्त ही स्षष्ट हो गई थी, जब एक ऐसे अध्यादेश को राहुल गांधी ने फाड़कर फेंक दिया था, जिसे प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति की अध्य़क्षता में मंजूरी दे दी गई थी।
“Worse still the ‘remote control model’ that demolished institutional integrity of UPA govt now got applied to INC. While,you’re just a nominal figure heard all the important decisions were being taken by Shri Rahul Gandhi or rather worse his security guards & PAs,” GN Azad says.
— ANI (@ANI) August 26, 2022
ऐसे में आप उनकी अपरिपक्वता का अंदाजा सहज ही लगा सकते हैं। यह राहुल गांधी का एक तरह से बचकाना रवैया था। गुलाम ने अपने पत्र में कहा कि इस तरह के ना जाने राहुल गांधी के कितने रवैवों ने कांग्रेस पार्टी को विगत लोकसभा चुनाव में करारी शिकस्त दिलाई ।
“Unfortunately after entry of Shri Rahul Gandhi into politics & particularly after January 2013 when he was appointed as VP by you, the entire consultative mechanism which existed earlier was demolished by him,” says GN Azad in his resignation letter to Sonia Gandhi pic.twitter.com/20mbQsscSZ
— ANI (@ANI) August 26, 2022
गुलाम नबी ने कहा कि मेरे द्वारा सुझाई गई कई सिफारिशों को राहुल ने क्रियान्वित करने की दिशा में कोई भी कदम नहीं उठाया गया। उन्होंने आगे कहा कि राहुल गांधी के पार्टी की कमान संभालने के बाद कांग्रेस को दो लोकसभा चुनाव में करारी शिकस्त झेलनी पड़ी। इतना ही नहीं, 2014 से लेकर 2019 के बीच में हुए तमाम विधानसभा चुनावों में भी कांग्रेस की करारी हार ही हुई। हालांकि, राहुल गांधी की अगुवाई में पार्टी ने महज 4 ही चुनाव जीते हैं, उसमें भी गठबंधन का सहारा लेना पड़ा है और आज की तारीख में कांग्रेस की दुर्गति का अंदाजा महज इसी से लगाया जा सकता है कि पार्टी की महज दो ही राज्यों में सरकार है।
“It is therefore with great regret and an extremely leaden heart that I have decided to sever my half a century old assocation with Indian National Congress,” read Ghulam Nabi Azad’s resignation letter to Congress interim president Sonia Gandhi pic.twitter.com/X49Epvo1TP
— ANI (@ANI) August 26, 2022
गुलाम ने आगे कहा कि 2019 से ही पार्टी की स्थिति बदतर हो चुकी है। इतना ही नहीं, गुलाम ने अपने पत्र में कहा कि राहुल ने बैठकों के दौरान भी कई मर्तबा वरिष्ठ नेताओं का अपमान किया है। राहुल ने उन नेताओं का अपमान किया है ,जिन्होंने अपना सर्वस्त्र जीवन कांग्रेस पार्टी को दिया है। गुलाम ने आगे कहा कि जिस तरह यूपीए -1 और यूपीए -2 सरकार में रिमोट कंट्रोल प्रणाली के तहत सरकार चलाई जाती है, ठीक उसी प्रकार से कांग्रेस को संचालित करने की कोशिश की जा रही है , जिसके तहत सभी संवैधानिक संस्थाओं को ध्वस्त करने की कोशिश की जा रही है। तो इस तरह से आप देख सकते हैं कि उन्होंने किस तरह राहुल गांधी की पूरी की पूरी पोलपट्टी खोल दी है। बता दें कि कांग्रेस के सभी प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने से पहले गुलाम नबी आजाद ने जम्मू-कश्मीर के प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया था।