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किसानों को मनाने की सरकार की नई कवायत, कुछ मांगों पर सहमति के बाद पेश किया नया फॉर्मूला

Agreement Between Farmers Organization And Government: किसान अपनी मांगों पर अड़े है लेकिन सरकार भी बार बार किसानों से बातचीत कर रही है लेकिन दोनों के बीच सहमति नहीं हो रही है लेकिन किसान और सरकार के बीच चौथे दौर की बातचीत काफी हद तक ठीक रही है।

नई दिल्ली। किसानों बीते हफ्ते से ही दिल्ली की सीमाओं को घेरे बैठे हैं। किसान अपनी मांगों पर अड़े है लेकिन सरकार भी बार बार किसानों से बातचीत कर रही है लेकिन दोनों के बीच सहमति नहीं हो रही है लेकिन किसान और सरकार के बीच चौथे दौर की बातचीत काफी हद तक ठीक रही है। बैठक के बाद वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने मीडिया के सामने किसानों से हुई बातचीत का ब्यौरा रखा और अपना मास्ट फार्मूला भी पेश किया।


प्रस्ताव की मुख्य बातें

1.सरकार चार फसलों पर एमएसपी देने को तैयार हो गई है और एमएसपी की मियाद 5 साल तय की गई है…।
2. किसानों से 5 साल के लिए सरकारी एजेंसियों तय एमएसपी पर अनाज खरीदेगी। एमएसपी मक्का, कपाल, दाल पर तय किया गया है।
3.  दालों में उड़द दाल’, ‘मसूर दाल,अरहर दाल और मक्का उगाने वाले किसानों से सरकार की सहकारी समिति  नैफेड और एनसीसीएफ किसानों से अनुबंध करेगी, ये अनुबंध तय एमएसपी पर 5 साल के लिए होगा।
4. सरकार बिना किसी तय सीमा किसानों से अनाज और दालें खरीदेगी, इसकी कोई निश्चित मात्रा नहीं होगी।
5. सरकार पंजाब में अलग-अलग फसलों को उगाने पर जोर देगी। इससे खेती को बंजर होने से बचाया जा सकता और किसान किसी एक फसल पर निर्भर  नहीं रहेगा।


प्रस्ताव पर चर्चा करेगा किसान संगठन

वहीं बैठक के बाद किसानों का मानना है कि वो सरकार के प्रस्तावों पर दोबारा चर्चा करेगी लेकिन दिल्ली की तरफ बढ़ना बंद नहीं करेगी। किसानों के विरोध प्रदर्शन पर किसान नेता सरवन सिंह पंधेर का कहना है कि हमारा दिल्ली जाने का फैसला सुरक्षित है… 21 फरवरी को सुबह 11 बजे हम शांतिपूर्ण तरीके से आगे बढ़ेंगे… जब तक हम अपनी बात केंद्र के सामने नहीं रख देते, हम पीछे नहीं हटेंगे।