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Delhi: हिंदू संगठन आज दिल्ली की कुव्वत-उल-मस्जिद के सामने पढ़ेगा हनुमान चालीसा, कुतुबमीनार के लिए की ये मांग

कुव्वत-उल-मस्जिद में तमाम मूर्तियां लगी हैं। खास नाराजगी भगवान गणेश की दो मूर्तियों को लेकर है। इन मूर्तियों को उल्टा लगाया गया है। फ्रंट के अध्यक्ष जयभगवान गोयल ने कहा है कि वो अपने समर्थकों के साथ मस्जिद के सामने हनुमान चालीसा पढ़ेंगे।

नई दिल्ली। दिल्ली के कुतुबमीनार परिसर में बनी कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद में 27 मंदिरों की मूर्तियां लगी होने का मामला तूल पकड़ रहा है। यूनाइटेड हिंदू फ्रंट ने यहां आज हनुमान चालीसा पढ़ने का एलान किया है। साथ ही मस्जिद में लगी मूर्तियों को प्रतिस्थापित करने और पूजा करने की मंजूरी मांगी है। इसके अलावा संगठन ने मांग की है कि कुतुबमीनार को विष्णु स्तंभ का नाम दिया जाए। बता दें कि कुव्वत-उल-मस्जिद में तमाम मूर्तियां लगी हैं। खास नाराजगी भगवान गणेश की दो मूर्तियों को लेकर है। इन मूर्तियों को उल्टा लगाया गया है। फ्रंट के अध्यक्ष जयभगवान गोयल ने कहा है कि वो अपने समर्थकों के साथ मस्जिद के सामने हनुमान चालीसा पढ़ेंगे। उनका कहना है कि जब ढांचे में भगवान की मूर्तियां लगी हैं, तो वहां पूजा करने दी जाए या मूर्तियों को कहीं प्रतिस्थापित किया जाए।

qutub minar

गोयल ने कहा कि साफ है कि मस्जिद को 27 हिंदू और जैन मंदिरों को तोड़कर बनाया गया। मूर्तियां लगी हैं, तो ये ढांचा मंदिर ही है। उन्होंने कहा कि तमाम विशेषज्ञों का कहना है कि कुतुबमीनार पहले विष्णु स्तंभ था। अलग विचारधारा के लोगों ने इतिहास को गलत लिखा। ऐसे में हम कुतुबमीनार को भी विष्णु स्तंभ घोषित करने की मांग कर रहे हैं। कुव्वत-उल-मस्जिद में पीछे की तरफ भगवान गणेश की मूर्तियां लगी हैं। एक मूर्ति नाली के ठीक ऊपर लगी है। इसे एएसआई ने लोहे के जाल से ढंक रखा है। कुछ दूर पर गणेश की एक और मूर्ति उल्टी लगी हुई है। मस्जिद में एक जगह भगवान कृष्ण के अवतार की मूर्तियां भी लगी हैं।

jai bhagwan goyal

कुतुबमीनार का निर्माण मोहम्मद गोरी के सिपहसालार और गुलाम वंश के संस्थापक कुतुबुद्दीन ऐबक ने किया था। जबकि, कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद का निर्माण अलाउद्दीन खिलजी ने कराया था। अलाउद्दीन ने हिंदू और जैन मंदिरों को ध्वस्त करने के बाद उनके ही खंभों और अन्य चीजों का इस्तेमाल कर मस्जिद बनवाई थी। कुतुबमीनार परिसर में ही खिलजी की कब्र भी है।