newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

What is National Herald Case & PMLA: सोनिया-राहुल गांधी को जिस केस में मिला समन, जानिए उससे जुड़ी हर बात

National Herald Case: दरअसल, बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने 2012 में कोर्ट में याचिका दायर करके ये आरोप लगाया था कि कुछ कांग्रेसी नेताओं ने अवैध तरीके से यंग इंडियन लिमिटेड कंपनी के जरिए एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड का अधिग्रहण किया है। उन्होंने आरोप लगाया था कि ये सब कुछ दिल्ली में बहादुर शाह जफर मार्ग पर बने हेराल्ड हाउस की 2000 करोड़ रुपये की बिल्डिंग पर कब्जा करने के मकसद से किया गया था।

नई दिल्ली। केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय यानि ईडी ने नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी को समन जारी किया था। ईडी ने राहुल गांधी को आज यानि 2 जून और सोनिया को 8 जून को पूछताछ के लिए बुलाया था लेकिन राहुल गांधी फिलहाल विदेश में हैं और सोनिया गांधी कोरोना कोरोना संक्रमित पाई गईं हैं मसलन, अब ईडी के सामने हाजिरी लगाने की तारीख आगे खिसक सकती है। नेशनल हेराल्ड के केस में गांधी परिवार इससे पहले भी कटघरे में आता रहा है। इस मामले में गांधी परिवार पर कई गंभीर आरोप हैं। ईडी ने इस मामले में Prevention of Money Laundering Act यानी पीएमएलए के तहत समन जारी किया है। इस वीडियो में हम आपको एकदम सादी भाषा में पीएमएलए कानून के बारे में बताएंगे लेकिन आइए इससे पहले ये जान लेते हैं कि ये नेशनल हेराल्ड केस आखिर क्या है जो गांधी परिवार की मुश्किलें बढ़ाता रहा है।

National Herald Case

दरअसल, बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने 2012 में कोर्ट में याचिका दायर करके ये आरोप लगाया था कि कुछ कांग्रेसी नेताओं ने अवैध तरीके से यंग इंडियन लिमिटेड कंपनी के जरिए एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड का अधिग्रहण किया है। उन्होंने आरोप लगाया था कि ये सब कुछ दिल्ली में बहादुर शाह जफर मार्ग पर बने हेराल्ड हाउस की 2000 करोड़ रुपये की बिल्डिंग पर कब्जा करने के मकसद से किया गया था। स्वामी ने आरोप लगाया कि साजिशन यंग इंडियन लिमिटेड को टीजेएल की संपत्ति का अधिकार दिया गया।

rahul and sonia
नेशनल हेराल्ड की स्थापना देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने 1938 में की थी। इसका मालिकाना हक एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड कंपनी के पास है। कांग्रेस ने 26 फरवरी 2011 को इसकी 90 करोड़ रुपये के कर्ज़ को अपने कंधों पर ले लिया था। इसका मतलब हुआ कि पार्टी ने इसे 90 करोड़ का लोन दे दिया। इसके बाद 5 लाख रुपये से यंग इंडियन कंपनी बनाई गई, जिसमें सोनिया और राहुल की 38-38 फीसदी हिस्सेदारी है और बाकी की 24 फीसदी हिस्सेदारी कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडीज के पास थी। इसके बाद टीएजेएल के 10-10 रुपये के नौ करोड़ शेयर ‘यंग इंडियन’ कंपनी को दिए गए और इसके बदले यंग इंडियन को कांग्रेस का लोन चुकाना था। 9 करोड़ शेयर के साथ यंग इंडियन को इस कंपनी के 99 फीसदी शेयर मिल गए। इसके बाद कांग्रेस पार्टी ने इस कंपनी को दिया 90 करोड़ का लोन भी माफ कर दिया। यानी ‘यंग इंडियन’ को मुफ्त में टीएजेएल का मालिकाना हक मिल गया।

Rahul and Sonia

साल 2015 में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में जल्द सुनवाई के लिए सुब्रमण्यम स्वामी से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करने के लिए कहा था। 19 दिसंबर 2015 को सोनिया गांधी और राहुल गांधी को ट्रायल कोर्ट ने इस मामले में जमानत दे दी थी। इसके बाद 2016 में सुप्रीम कोर्ट ने मामले को रद्द करने से इनकार करते हुए सभी 5 आरोपियों सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडिस और सुमन दुबे को कोर्ट में पेश होने से छूट दे दी थी। ये तो रही इस पूरे केस की बात अब आपको बताते हैं कि प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट क्या है?

PMLA को 2002 में अधिनियमित किया गया था और 2005 में इसे लागू कर दिया गया। इस कानून का मकसद काले धन को सफेद में बदलने की प्रक्रिया यानी मनी लॉन्ड्रिंग को रोकना है। इसके अलावा अवैध गतिविधियों और आर्थिक अपराधों में काले धन के इस्तेमाल को रोकना, मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल या उससे हांसिल संपत्ति को जब्त करना, मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े दूसरे अपराधों को रोकना भी इस कानून का मकसद है। इस कानून के तहत मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध के लिए कम से कम 3 साल की जेल और जुर्माना भी लग सकता है। अगर मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध के साथ-साथ नारकोटिक ड्रग्स और साइकोट्रॉपिक सबस्टेंस एक्ट, 1985 से जुड़े अपराध भी शामिल हैं तो फिर ऐसे में जुर्माने के साथ 10 साल तक की सजा हो सकती है।