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United Nation: आज से UNSC में भारत का दबदबा, बना अध्यक्ष, इस तारीख को PM मोदी संबोधित कर चीन को दे सकते हैं साफ संदेश

United Nation: सुरक्षा परिषद में 15 देश हैं। इनमें अमेरिका, रूस, फ्रांस, ब्रिटेन और चीन स्थायी सदस्य हैं। इन्हें वीटो का अधिकार मिला हुआ है। यानी ये देश किसी भी प्रस्ताव का विरोध करते हुए वोट दें, तो उस प्रस्ताव को लागू नहीं किया जा सकता।

न्यूयॉर्क। भारत आज से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद UNSC का अध्यक्ष पद संभालने जा रहा है। चीन के साथ जारी तनातनी के बीच सुरक्षा परिषद का अध्यक्ष पद मिलना भारत के लिए बहुत अहम होने जा रहा है। खबर है कि पीएम नरेंद्र मोदी भी सुरक्षा परिषद की बैठक को संबोधित करेंगे। इस दौरान वह सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्यों में से एक चीन को विस्तारवादी नीति के खिलाफ साफ संदेश दे सकते हैं।

United nation india

सुरक्षा परिषद में 15 देश हैं। इनमें अमेरिका, रूस, फ्रांस, ब्रिटेन और चीन स्थायी सदस्य हैं। इन्हें वीटो का अधिकार मिला हुआ है। यानी ये देश किसी भी प्रस्ताव का विरोध करते हुए वोट दें, तो उस प्रस्ताव को लागू नहीं किया जा सकता।

PM Narendra Modi

जानकारी के मुताबिक पीएम मोदी 9 अगस्त को सुरक्षा परिषद को संबोधित कर सकते हैं। इस दौरान वह समुद्री सुरक्षा, शांति स्थापना और आतंकवाद फैला रहे पाकिस्तान जैसे देशों पर कड़ा वार कर सकते हैं। संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत टीएस तिरुमूर्ति ने संगठऩ के महासचिव को सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता के दौरान होने वाली गतिविधियों की जानकारी भेजी है।


भारत के राजदूत ने एक वीडियो संदेश जारी कर देश की आजादी की 75वीं सालगिरह के मौके पर सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता मिलने को सम्मान की बात बताया है। भारत को इस साल जनवरी में सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्य के तौर पर चुना गया था। अगले साल दिसंबर में वह फिर सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालेगा।


भारत लगातार यह कहता रहा है कि उसे सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनाया जाना चाहिए। अमेरिका, रूस, फ्रांस और ब्रिटेन भी इसके पक्ष में हैं, लेकिन पाकिस्तान की वजह से चीन नहीं चाहता है कि भारत को स्थायी सदस्य बनाया जाए। इससे उसकी ताकत को भी चुनौती मिलेगी। चीन लगातार अपनी विस्तारवादी सोच को आगे बढ़ा रहा है। उसने दक्षिणी चीन समुद्र को अपना बता दिया है और इसके खिलाफ अंतरराष्ट्रीय अदालत के फैसले को भी नहीं मान रहा है। इसके अलावा भारत, ताइवान और तमाम देशों से चीन के रिश्ते विस्तारवादी सोच की वजह से खराब हो रहे हैं।


इसको लेकर भारत को रूस और फ्रांस ने बधाई भी दी है।