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Delhi: जहांगीरपुरी में बुलडोजर चलेगा या नहीं पर आज सुनवाई करेगा SC, कल रुकवा दी थी कार्रवाई

मंगलवार देर रात एमसीडी की वो चिट्ठी सामने आई थी, जिसमें उसने दिल्ली पुलिस से 400 जवानों की मांग की थी। जिससे जहांगीरपुरी में हिंसा करने वाले आरोपियों के अवैध कब्जों के अलावा अन्य कब्जों को भी हटाया जा सके। इसके बाद गुरुवार सुबह 9 बजे से जहांगीरपुरी को छावनी जैसा बनाते हुए एमसीडी की कार्रवाई शुरू हुई थी।

नई दिल्ली। दिल्ली के जहांगीरपुरी में अवैध कब्जों को हटाए जाने का अभियान जारी रहे या नहीं, इस बारे में सुप्रीम कोर्ट आज सुनवाई करेगा। दिल्ली नगर निगम MCD ने कल यहां अवैध कब्जे हटाने का अभियान छेड़ा था। जिसके खिलाफ वकील दुष्यंत दवे और कपिल सिब्बल ने चीफ जस्टिस एनवी रमना की बेंच में शिकायत की थी। रमना ने इस पर कार्रवाई को रोकते हुए यथास्थिति बरकरार रखने का आदेश दिया था। कोर्ट आज इस मामले में सुनवाई के साथ ही जमीयत उलमा-ए-हिंद की ओर से दाखिल ऐसी ही अर्जी पर भी सुनवाई करेगा। जमीयत ने अपनी अर्जी में यूपी और मध्यप्रदेश में बुलडोजर से आरोपियों के घर तोड़े जाने के विरोध में अर्जी दी है।

jahangirpuri police 2

सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री के मुताबिक जस्टिस एल. नागेश्वर राव और जस्टिस बीआर गवई की दो जजों की बेंच जहांगीरपुरी में अतिक्रमण विरोधी अभियान पर दाखिल अर्जी और जमीयत की अर्जी को एक करते हुए सुनवाई करेगी। बता दें कि मंगलवार देर रात एमसीडी की वो चिट्ठी सामने आई थी, जिसमें उसने दिल्ली पुलिस से 400 जवानों की मांग की थी। जिससे जहांगीरपुरी में हिंसा करने वाले आरोपियों के अवैध कब्जों के अलावा अन्य कब्जों को भी हटाया जा सके। इसके बाद गुरुवार सुबह 9 बजे से जहांगीरपुरी को छावनी जैसा बनाते हुए एमसीडी की कार्रवाई शुरू हुई थी।

Jahangirpuri Violence

जहांगीरपुरी में 16 अप्रैल को सी ब्लॉक के पास जामा मस्जिद के सामने हनुमान जयंती पर निकल रही शोभायात्रा पर दंगाइयों न हमला किया था। इस मामले में अब तक दिल्ली पुलिस ने 26 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें शामिल मुख्य आरोपी अंसार और फायरिंग करने वाले सोनू चिकना और उसके भाई सलीम समेत 5 लोगों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून NSA के तहत कार्रवाई की गई है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिए थे कि दंगों के मामले में ऐसी सख्त कार्रवाई होनी चाहिए, जिससे भविष्य में किसी को दंगा करने के बारे में सोचना पड़े।