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S. Jaishankar: ‘जवानों के लिए पिटाई शब्द…’ भारतीय सैनिकों के शौर्य पर सवाल उठाने वाले राहुल पर भड़के जयशंकर, दिया मुंहतोड़ जवाब

केंद्रीय मंत्री ने अपने बयान में कहा कि हमें राजनीतिक आलोचना से कोई समस्या नहीं है लेकिन हमें अपने जवानों का अपमान नहीं करना चाहिए।जब मैं देखता हूं कि कौन सलाह दे रहा है तो मैं केवल झुक सकता हूं और सम्मान कर सकता हूं।जवानों के लिए पिटाई शब्द का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए।

नई दिल्ली। आज की तारीख में हिंदुस्तान की राजनीति में राजनेताओं द्वारा दिए जाने बयानों का स्तर इतना गिर चुका है कि उन्हें खुद इस बात का बोध नहीं रहता है कि वो क्या कहे चले जा रहे हैं। बीते दिनों कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी कुछ ऐसा ही किया था। जी हां… आपको बता दें कि उन्होंने राजस्थान की राजधानी जयपुर में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान तवांग झड़प को लेकर चीनी सैनिकों को मुंहतोड़ जवाब देने वाले भारतीय जवानों के शौर्य पर संदेह जताया था।

rahul gandhi

उन्होंने कहा था कि हमारे सैनिक चीनी सैनिकों से पीट रहे हैं। चीन हमारे सेना को रोज पीट रहा रहा है, जबकि सच्चाई तो राहुल के बयान से कोसों दूर है। सच्चाई यह है कि भारतीय सैनिकों ने ना महज चीन के 30 सैनिकों को चोटिल किया है, बल्कि 300 सैनिकों को भी खदेड़ दिया है, जो भारत के खिलाफ अपने नापाक मंसूबों को जमीन पर उतारने आए थे, लेकिन राहुल गांधी ने भारतीय सैनिकों के शौर्य पर शक जाहिर कर जवानों के मनोबल को कमजोर करने की कोशिश की है, जिसे लेकर भारतीय राजनीति में उनके विरुद्ध तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। अब इसी बीच राहुल गांधी के बयान को लेकर संसद में केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर प्रसाद ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। आइए, आपको बताते हैं कि उन्होंने क्या कहा है।

आपको बता दें कि केंद्रीय मंत्री ने अपने बयान में कहा कि हमें राजनीतिक आलोचना से कोई समस्या नहीं है लेकिन हमें अपने जवानों का अपमान नहीं करना चाहिए।जब मैं देखता हूं कि कौन सलाह दे रहा है तो मैं केवल झुक सकता हूं और सम्मान कर सकता हूं।जवानों के लिए पिटाई शब्द का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए।

इसके साथ ही उन्होंने आगे कहा कि अगर हम चीन के प्रति उदासीन थे तो भारतीय सेना को सीमा पर किसने भेजा। अगर हम चीन के प्रति उदासीन थे तो आज चीन पर डी-एस्केलेशन और डिसइंगेजमेंट के लिए दबाव क्यों बना रहे हैं? हम सार्वजनिक रूप से क्यों कह रहे हैं कि हमारे संबंध सामान्य नहीं हैं?

हालांकि, यह कोई पहली मर्तबा नहीं है कि जब केंद्रीय मंत्री ने तवांग झड़प पर अपना रिएक्शन दिया है, बल्कि इससे पहले भी अपना बयान जारी किया था, जिसमें उन्होंनें कहा था कि सीमा पर स्थिति दुरुस्त है और हमारे जवान चीन को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए मुस्तैद हैं। गौरतलब है कि गत 9 दिसंबर को तवांग में चीन और भारत के सैनिकों के बीच झड़प हुई थी, जिसमें चीन को अत्याधिक नुकसान हुआ था। हालांकि, बाद में चीन ने प्रतिक्रिया जारी कर कहा था कि अब सीमा पर स्थिति दुरुस्त है, लेकिन अब इसे लेकर भारत सियासत में तेज हो चुकी है। अब ऐसी स्थिति में यह पूरा माजरा आगामी दिनों में क्या रुख अख्तियार करता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।