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Kalyan Departs: राममंदिर आंदोलन के बड़े चेहरे रहे कल्याण सिंह को श्रद्धांजलि देने लखनऊ आ रहे PM मोदी

Kalyan Departs: कल्याण सिंह का लंबी बीमारी के बाद 89 साल की उम्र में शनिवार को लखनऊ के एसजीपीजीआई हॉस्पिटल में निधन हो गया। वह यूपी के सीएम के अलावा सांसद और गवर्नर भी रह चुके थे। राम मंदिर आंदोलन के बड़े चेहरे कल्याण सिंह को अयोध्या में विवादित ढांचा ढहने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने एक दिन की सजा भी सुनाई थी। बाद में बीजेपी से उनका मनमुटाव भी हुआ, लेकिन घूम-फिरकर वह फिर बीजेपी में ही लौट आए थे।

लखनऊ। पीएम नरेंद्र मोदी लखनऊ पहुंच रहे हैं। वह राममंदिर आंदोलन के बड़े चेहरे रहे कल्याण सिंह को श्रद्धांजलि देंगे। मोदी ने इससे पहले ट्वीट कर कल्याण सिंह को जननेता बताते हुए बतौर सीएम और गवर्नर उनके काम की सराहना की थी। यूपी के प्रमुख सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि मोदी सुबह साढ़े 9 बजे लखनऊ पहुंचेंगे और सीधे कल्याण सिंह के आवास पर जाएंगे। कल्याण सिंह का लंबी बीमारी के बाद 89 साल की उम्र में शनिवार को लखनऊ के एसजीपीजीआई हॉस्पिटल में निधन हो गया। वह यूपी के सीएम के अलावा सांसद और गवर्नर भी रह चुके थे। राम मंदिर आंदोलन के बड़े चेहरे कल्याण सिंह को अयोध्या में विवादित ढांचा ढहने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने एक दिन की सजा भी सुनाई थी। बाद में बीजेपी से उनका मनमुटाव भी हुआ, लेकिन घूम-फिरकर वह फिर बीजेपी में ही लौट आए थे।

कल्याण सिंह 5 जनवरी 1932 को अलीगढ़ में जन्मे थे। उनके पिता का नाम तेजपाल लोधी और मां का नाम सीता देवी था। वह अतरौली सीट से विधायक चुने जाते थे। 1991 और 1997 में उन्होंने यूपी का सीएम पद संभाला था। 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या का विवादित ढांचा ढहाए जाने पर केंद्र की तत्कालीन नरसिंह राव सरकार ने कल्याण सिंह की सरकार को बर्खास्त कर दिया था। हालांकि, इससे पहले ही इस घटना की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए वह पद से इस्तीफा दे चुके थे। 1993 में वह अतरौली और कासगंज से विधायक चुने गए। तब बीजेपी सबसे बड़े दल के तौर पर यूपी विधानसभा में थी, लेकिन सपा के मुलायम सिंह यादव और बीएसपी की मायावती ने हाथ मिलाकर सरकार बना ली। इस वजह से कल्याण सिंह ने विपक्ष के नेता की भूमिका निभाई। बाद में सितंबर 1997 से नवंबर 1999 तक वह फिर सीएम रहे।

PM Modi and Kalyan Singh

21 अक्टूबर 1997 को बीएसपी ने कल्याण सिंह की सरकार से समर्थन वापस ले लिया। जिसके बाद कल्याण सिंह ने कांग्रेस के तत्कालीन विधायक नरेश अग्रवाल से मिलकर 21 विधायकों का समर्थन जुटाया और यूपी के सीएम बने रहे। फिर 1999 के दिसंबर में कल्याण सिंह का बीजेपी से मोह भंग हो गया, लेकिन 2004 में वह फिर बीजेपी में आ गए। 2004 में बुलंदशहर से लोकसभा का चुनाव लड़े। 2009 में बीजेपी को एक बार फिर छोड़ दिया और एटा से निर्दलीय सांसद बन गए। केंद्र में मोदी सरकार बनने पर 4 सितंबर 2014 को उन्हें राजस्थान के गवर्नर का पद दिया गया। 2015 में हिमाचल प्रदेश के गवर्नर का अतिरिक्त प्रभार भी कल्याण सिंह को सौंपा गया था। कल्याण सिंह अपने उसूलों के पक्के थे। 1992 में अयोध्या ढांचा विध्वंस में उन्होंने अफसरों को बचाने के लिए खुद पर सारे आरोप ले लिए थे। खरी-खरी कहने के लिए मशहूर कल्याण सिंह को आम लोगों का सीएम कहा जाता था। वह हर वक्त किसी के लिए भी काम करने को तत्पर रहते थे। अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी के साथ ही बीजेपी के तत्कालीन सभी बड़े नेताओं के कल्याण सिंह हमेशा चहेते बने रहे। इस वजह से दो बार बीजेपी छोड़ने के बावजूद उनकी पार्टी में वापसी हुई।