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Balasore Train Accident: बालासोर में ट्रेन हादसे के बाद देवदूत की तरह पहुंचे स्थानीय लोग, अस्पतालों में रक्तदान करने वालों की कतार

कोई ये नहीं पूछ रहा कि किस जाति या धर्म के लोग घायल हुए हैं। सभी लोग बस ईश्वर से यही प्रार्थना कर रहे हैं कि घायलों की जान किसी तरह बच जाए। रेलवे और ओडिशा सरकार ने हादसे के बाद ही एक्टिव होते हुए डॉक्टरों और अस्पतालों में बड़ी तादाद में बेड की व्यवस्था की थी। जिसकी वजह से घायलों को जल्दी इलाज भी मिल सका है।

बालासोर। बालासोर में शुक्रवार को हुए भीषण ट्रेन हादसे में राहत टीमों ने पहले जीवित बचे यात्रियों को निकालने का काम किया। जीवित यात्रियों को निकालकर एंबुलेंस और बसों के जरिए पास के सभी अस्पतालों में भेजा गया। इस हादसे में अब तक 230 से ज्यादा लोगों की मौत होने की खबर है। 2 यात्री और 1 मालगाड़ी में हुई टक्कर से इतनी भीषण आवाज हुई कि वो दूर-दूर तक सुनाई दी। इस भीषण आवाज की वजह से ही आसपास के लोगों को इस हादसे का आभास हुआ। जो जहां था, वो देवदूत की तरह मदद करने दौड़ पड़ा। सबसे पहले आसपास के लोग ही हादसे वाली जगह पहुंचे। उन्होंने तत्काल राहत और बचाव का काम शुरू किया।

उधर, अस्पतालों में जब घायल हुए ट्रेन यात्रियों की कतार लगने लगी, तो वहां भी स्थानीय लोग उमड़ पड़े। अस्पतालों में हादसे के बाद से ही अब तक घायल यात्रियों की जान बचाने के लिए रक्तदान करने वालों की कतारें लगी हुई हैं। कोई ये नहीं पूछ रहा कि किस जाति या धर्म के लोग घायल हुए हैं। सभी लोग बस ईश्वर से यही प्रार्थना कर रहे हैं कि घायलों की जान किसी तरह बच जाए। रेलवे और ओडिशा सरकार ने हादसे के बाद ही एक्टिव होते हुए डॉक्टरों और अस्पतालों में बड़ी तादाद में बेड की व्यवस्था की थी। जिसकी वजह से लोगों को जल्दी उपचार मिल सका।

ओडिशा के बालासोर के पास बहानागा मार्केट स्टेशन से करीब 300 मीटर पहले शालीमार स्टेशन से चेन्नई जा रही कोरोमंडल एक्सप्रेस पटरी से उतरी। इसके तमाम कोच पटरी से पलटे और दूसरी और तीसरी पटरी पर जा गिरे। तीसरी पटरी पर मालगाड़ी से कोरोमंडल एक्सप्रेस के कोच टकराए। वहीं, दूसरी पटरी पर यशवंतपुर से हावड़ा जा रही सुपरफास्ट एक्सप्रेस आ गई। वो ट्रेन भी कोरोमंडल एक्सप्रेस के पलटे हुए कोच से टकरा गई। इससे सुपरफास्ट एक्सप्रेस के भी कई कोच पलटे। इसी वजह से इतना भीषण हादसा हुआ।