नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के पार्थिव शरीर को दिल्ली के निगम बोध घाट पर उनकी बेटियों ने मुखाग्नि दी। पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया, इस दौरान तीनों सेनाओं की ओर से सलामी भी दी गई। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, राजनाथ सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी, रॉबर्ट वाड्रा समेत तमाम गणमान्य लोग मनमोहन सिंह की अंतिम यात्रा में शामिल हुए। कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने मनमोहन सिंह के पार्थिव शरीर को कंधा भी दिया।
VIDEO | Former PM Manmohan Singh cremated at Nigambodh Ghat, Delhi, with full state honours.
(Source: Third Party)#ManmohanSingh pic.twitter.com/zWZ4Dd1KhS
— Press Trust of India (@PTI_News) December 28, 2024
इससे पहले आज सुबह मनमोहन सिंह के पार्थिव शरीर को उनके घर से कांग्रेस कार्यालय में अंतिम दर्शनों के लिए कुछ देर रखा गया। यहां बहुत से लोगों ने नम आंखों से मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान मनमोहन सिंह के अंतिम दर्शन करने आने वाले लोगों ने उनकी पत्नी और बेटियों को ढांढस बंधाया। तीनों सेनाओं की तरफ से पूर्व प्रधानमंत्री को सलामी दी गई। परिवार के लोगों के साथ कई राजनीतिक हस्तियों ने भी मनमोहन सिंह की चिता पर लकड़ी रखी। आपको बता दें कि गुरुवार रात मनमोहन सिंह की तबियत बिगड़ने के बाद उनको दिल्ली एम्स ले जाया गया था जहां इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई थी।
Delhi: Former PM Dr Manmohan Singh last rites was performed with state honours at Nigam Bodh Ghat, as leaders including PM Narendra Modi and family gathered to pay their final respects pic.twitter.com/ahI2T28UWd
— IANS (@ians_india) December 28, 2024
इसके बाद शुक्रवार को मनमोहन सिंह के पार्थिव शरीर को उनके घर पर अंतिम दर्शनों के लिए रखा गया। शाम को हुई कांग्रेस की वर्किंग कमेटी की बैठक में शोक प्रस्ताव पारित किया गया। कांग्रेस ने केंद्र सरकार ने मनमोहन सिंह के स्मारक के लिए जमीन मांगी जिस पर सरकार ने रजामंदी दे दी। मोदी कैबिनेट में इससे पहले ही शोक प्रस्ताव पारित कर दिया था। पीएम मोदी ने कहा था कि डॉ. मनमोहन सिंह जी के निधन ने हम सभी के हृदय को गहरी पीड़ा पहुंचाई है। उनका जाना एक राष्ट्र के रूप में भी हमारे लिए बहुत बड़ी क्षति है। अभावों और संघर्षों से ऊपर उठ कर कैसे ऊंचाइयों को हासिल किया जा सकता है उनका जीवन ये सीख आने वाली पीढ़ी को देता रहेगा।