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Parliament Session: मणिपुर पर संसद में विपक्ष के हंगामे के बीच मोदी सरकार की नई रणनीति, ऐसे पास कराएगी अहम बिल

जानकारी के मुताबिक मोदी सरकार इस बार संसद में अहम बिल लेकर आई है। इनमें दिल्ली में ट्रांसफर-पोस्टिंग से जुड़े अध्यादेश संबंधी बिल भी है। सरकार अब इस पर भी अड़ गई है कि मणिपुर पर चर्चा तो होगी, लेकिन पीएम मोदी नहीं, बल्कि गृहमंत्री अमित शाह ही सरकार की तरफ से जवाब देंगे। बता दें कि शाह पहले मणिपुर भी गए थे।

नई दिल्ली। मणिपुर के मसले पर विपक्षी दलों ने संसद में हंगामा बरपाया हुआ है। विपक्षी दल इस मसले पर पहले पीएम नरेंद्र मोदी के बयान और उसके बाद नियम 267 के तहत चर्चा की मांग कर रहे हैं। वहीं, सरकार की तरफ से कल लोकसभा में गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि विपक्ष चर्चा होने दे और वो सभी सवालों का जवाब देने के लिए तैयार हैं। फिर भी विपक्ष पीएम मोदी के बयान पर अड़ा है। ऐसे में संसद में कामकाज हो नहीं रहा। सूत्रों के मुताबिक ऐसे में सरकार ने अब 31 बिल पास कराने के लिए नया तरीका खोजा है।

PARLIAMENT 12

सूत्रों के अनुसार सरकार ने तय किया है कि विपक्ष अगर हंगामा करता ही है, तो भी लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही को स्थगित न किया जाए। इसी हंगामे के बीच बिल पास कराए जाएंगे। मोदी सरकार इस बार संसद में अहम बिल लेकर आई है। इनमें दिल्ली में ट्रांसफर-पोस्टिंग से जुड़े अध्यादेश संबंधी बिल भी है। सरकार अब इस पर भी अड़ गई है कि मणिपुर पर चर्चा तो होगी, लेकिन पीएम मोदी नहीं, बल्कि अमित शाह ही सरकार की तरफ से जवाब देंगे। खबर ये भी है कि संसद में विपक्ष के हंगामे को खत्म कराने के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डीएमके के टीआरबालू और टीएमसी के सुदीप बंदोपाध्याय समेत कई विपक्षी नेताओं से बात की है।

Manipur

मणिपुर में पहली बार ऐसी हिंसा नहीं हुई है। हिंसा की आग में मणिपुर कई दशक तक झुलसा है। इससे पहले भी सरकार की तरफ से किसी भी पीएम ने मणिपुर के मसले पर कभी संसद में बयान नहीं दिया। 1983 और 1987 की बात करें, तो मणिपुर में जबरदस्त हिंसा पर एक बार सरकार ने कोई बयान संसद में नहीं दिया था। एक बार केंद्रीय गृह राज्य मंत्री ने मणिपुर के मसले पर जवाब दिया था।