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Delhi: युवाओं को उच्च शिक्षा देने के मामले में भी केजरीवाल सरकार फिसड्डी, RTI ने खोली दावों की पोल

इससे पहले कल अंग्रेजी अखबार ‘द हिंदू’ ने केजरीवाल सरकार की ओर से नौकरियां देने की पोल खोली थी। अखबार के मुताबिक केजरीवाल और उनके मंत्री लगातार गलत बयान देते रहे कि उन्होंने 10 लाख युवाओं को नौकरी दी। सिर्फ बाहर ही नहीं, केजरीवाल ने नौकरियां देने का ये दावा राज्य की विधानसभा में भी किया।

नई दिल्ली। बीते कल newsroompost.com ने आपको बताया था कि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल का 10 लाख युवाओं को नौकरी देने का दावा गलत है और सिर्फ 12000 लोगों को ही नौकरी मुहैया कराई गई है। अब आज खबर फिर युवाओं के लिए केजरीवाल सरकार के उठाए कदम की करते हैं। एक आरटीआई के मुताबिक दिल्ली के सीएम केजरीवाल भले ही युवाओं को नौकरी और बेहतरीन शिक्षा देने के दावे देशभर में घूम-घूमकर करते हैं, लेकिन शिक्षा के क्षेत्र में भी उनकी सरकार ने कोई नया कदम नहीं उठाया है। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओबीसी सेल के पूर्व सचिव तेजपाल सिंह की ओर से दाखिल आरटीआई के जवाब में ये जानकारी खुद दिल्ली सरकार ने दी है।

rti on kejriwal govt

आरटीआई का जवाब इस साल जनवरी में दिया गया है। इस जवाब के मुताबिक 1 मार्च 2015 से दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में एक भी नया कॉलेज, यूनिवर्सिटी या आईआईटी नहीं खोला है। पिछले 8 साल में दिल्ली सरकार का यही शिक्षा का मॉडल है। बता दें कि केजरीवाल और उनकी सरकार के मंत्री लगातार दावा करते हैं कि दिल्ली में शिक्षा के लिए उन्होंने दूसरे राज्यों से बेहतर काम किए हैं। युवाओं को आगे की शिक्षा देने के लिए तमाम कदम उठाए जाने की बात भी वे करते हैं, लेकिन हकीकत देखें, तो इस दिशा में सन्नाटा ही पसरा है।

इससे पहले कल अंग्रेजी अखबार ‘द हिंदू’ ने केजरीवाल सरकार की ओर से नौकरियां देने की पोल खोली थी। अखबार के मुताबिक केजरीवाल और उनके मंत्री लगातार गलत बयान देते रहे कि उन्होंने 10 लाख युवाओं को नौकरी दी। सिर्फ बाहर ही नहीं, केजरीवाल ने नौकरियां देने का ये दावा राज्य की विधानसभा में भी दिया। यानी वहां जनप्रतिनिधियों को भी आंकड़ों का हवाला देकर भरमाने का काम किया गया। अब शिक्षा के क्षेत्र में भी फिसड्डी दिख रही सरकार ने दोनों मसलों पर चुप्पी साध ली है।