नई दिल्ली। पंजाब के पूर्व सीएम बेअंत सिंह के हत्या के दोषी आतंकी बलवंत सिंह राजोआना को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली है। राजोआना ने खुद को मिली फांसी की सजा को उम्रकैद में बदलने की अपील की थी। सुप्रीम कोर्ट ने राजोआना की अर्जी ठुकरा दी और उसकी मर्सी पिटिशन पर गृह मंत्रालय को जल्द फैसला लेने के लिए कहा है। राजोआना करीब 27 साल से जेल में है। उसकी मर्सी पिटिशन 10 साल से केंद्र सरकार के पास लंबित है। सरकार के फैसला न लेने पर बलवंत सिंह राजोआना ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।
राजोआना ने कार बम ब्लास्ट कर बेअंत सिंह की हत्या कर दी थी। पंजाब में उस वक्त आतंकवाद चरम पर था। बेअंत सिंह कांग्रेस सरकार में सीएम थे। बेअंत सिंह की हत्या से सनसनी मच गई थी। इस मामले में बलवंत सिंह राजोआना को बाद में गिरफ्तार किया गया था। उसे फांसी की सजा सुनाई गई थी। इस सजा को सुप्रीम कोर्ट तक ने बहाल रखा था। राजोआना ने फांसी की सजा देने में देरी का मुद्दा उठाकर और अपनी बीमारी का हवाला देकर खुद की सजा उम्रकैद में बदलने की अपील की थी। केंद्र सरकार को अब सुप्रीम कोर्ट ने जल्दी ही राजोआना की मर्सी पिटिशन पर फैसला लेने के लिए कहा है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ही हर तरह की मर्सी पिटिशन पर फैसला लेता है। इसके बाद वो अपनी राय राष्ट्रपति के पास भेजता है। मर्सी पिटिशन पर गृह मंत्रालय की राय के अनुरूप ही आमतौर पर राष्ट्रपति अपना फैसला सुनाते हैं। अगर केंद्र सरकार राजोआना की मर्सी पिटिशन पर उसे राहत देने का फैसला करती है, तभी उसकी फांसी टल सकेगी। वरना उसे फांसी की सजा दी जाएगी। राजोआना को अगर केंद्र राहत देता है, तो कांग्रेस इसे बड़ा मुद्दा बना सकती है। ऐसे में मोदी सरकार के लिए राजोआना पर फैसला लेना काफी टेढ़ा काम होने के आसार हैं।