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Madhya Pradesh: जो पहले ही शामिल हो चुका था भाजपा में, कांग्रेस ने बना दिया उसे अपने यूथ विंग का महासचिव

Madhya Pradesh: भाजपा (BJP) में शामिल हुए कांग्रेस (Congress) के नाता हर्षित सिंघई (Harshit Singhai) को कांग्रेस की तरफ से यूथ विंग का महासचिव नियुक्त कर दिया गया और उन्हें इस बात की सूचना तब मिली जब उन्हें इसको लेकर बधाई संदेश आने लगे। हर्षित इन बधाई संदेशों को देखकर हैरान रह गए। कांग्रेस की तरफ से उनको जबलपुर में नया ‘पोस्ट’ दे दिया गया जबकि वह मार्च में ही कांग्रेस छोड़ चुके थे।

भोपाल। मध्य प्रदेश में कांग्रेस के यूथ विंग ने एक ऐसा कारनामा किया जिसने पार्टी को शर्मासार कर दिया। मध्य प्रदेश में कांग्रेस पार्टी को तब शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा जब पार्टी के यूथ विंग ने अपने एक बड़े पद पर भाजपा के एक नेता का चयन कर लिया। यूथ कांग्रेस की तरफ से जिस नेता को महासचिव बनाया गया वह तो कई महीने पहले ही पंजे को छोड़कर कमल का दामन थाम चुके थे और इससे पूरी पार्टी मानो अनभिज्ञ थी। अब कांग्रेस की तरफ से आनन-पानन में इस नेता के चयन को खारिज कर दिय गया है लेकिन तब तक मामला सुर्खियों में आ चुका था और मीडिया में इस खबर को खूब तवज्जो दी जा चुकी थी।

bjp Congresss

ऐसे में अब विपक्षी पार्टी के लोग कांग्रेस पर जमकर निशाना साध रहे हैं उनको यह मौका भी यूथ कांग्रेस ने बैठे बिठाए दे दिया है। दरअसल अब भाजपा के लोग इस बात के जरिए कांग्रेस पर निशाना साध रहे हैं कि पार्टी के स्थानीय नेताओं को जमीनी हकीकत का पता ही नहीं है। पार्टी तो यह तक नहीं जानती की उनका दामन किन-किन लोगों ने छोड़ दिया है।

Kamalnath and Rahul Gandhi

मामला ये था कि भाजपा में शामिल हुए कांग्रेस के नाता हर्षित सिंघई को कांग्रेस की तरफ से यूथ विंग का महासचिव नियुक्त कर दिया गया और उन्हें इस बात की सूचना तब मिली जब उन्हें इसको लेकर बधाई संदेश आने लगे। हर्षित इन बधाई संदेशों को देखकर हैरान रह गए। कांग्रेस की तरफ से उनको जबलपुर में नया ‘पोस्ट’ दे दिया गया जबकि वह मार्च में ही कांग्रेस छोड़ चुके थे। ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ पार्टी छोड़कर जिन कांग्रेसी कार्यकर्ताओं और नेताओं ने भाजपा का दामन थामा था उनमें से हर्षित भी थे और पिछले 9 महीने से कांग्रेस ने अपना रिकॉर्ड अपडेट ही नहीं किया था जिस वजह से ये गलती हुई।

BJP Flag

यूथ कांग्रेस का सांगठनिक चुनाव अभी पिछले हफ्ते समाप्त हुआ था। इस चुनाव में हर्षित सिंघई का चयन महासचिव के रूप में किए जाने की घोषणा कर दी। इसके लेकर हर्षित खुद ही हैरान दिखे और उन्होंने इसे बेहद हास्यास्पद बताया। हर्षित की मानें तो उन्होंने तीन साल पहले महासचिव के लिए अपना नॉमिनेशन किया था और अब जब वह भाजपा का दामन थामकर पार्टी में 9 महीने गुजार चुके हैं तो उनका चयन कांग्रेस यूथ विंग के महासचिव के तैर पर हो गया। हर्षित ने कहा कि कांग्रेस की तरफ से यह चुनाव तीन महीने से टलता जा रहा था और जब उन्होंने पार्टी छोड़ी थी तो यूथ कांग्रेस से अनुरोध भी किया था कि उनका नाम इससे हटा लिया जाए। हर्षित की मानें तो उन्होंने इसको लेकर कमलनाथ और राहुल गांधी को पत्र भी लिखा था लेकिन कांग्रेस की तरफ से अब यही किया जा रहा है जो पार्टी छोड़कर चले गए हैं उनका भी चयन विभिन्न पदों पर किया जा रहा है।