बेंगलुरु/नई दिल्ली। देश की सियासत पर आज सबकी नजर है। वजह हैं दो बैठकें। एक तरफ पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी को केंद्र की सत्ता से हटाने के लिए 26 विपक्षी दलों के नेता आज बेंगलुरु में बैठक कर रहे हैं। बैठक के बाद विपक्ष के नेता शाम करीब 4 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। वहीं, शाम को ही बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए की बैठक भी होगी। एनडीए के बैठक की अध्यक्षता पीएम नरेंद्र मोदी करने वाले हैं। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बैठक से एक दिन पहले सोमवार की शाम को बताया था कि एनडीए में 38 दल हैं। बीजेपी ने अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को देखते हुए कुछ पुराने साथियों को भी फिर एनडीए के पाले में लिया है। इनमें यूपी से ओमप्रकाश राजभर की सुभासपा और एलजेपी के एक धड़े के चिराग पासवान भी शामिल हैं।
बेंगलुरु की बैठक के लिए विपक्षी दलों के सभी बड़े नेता सोमवार को ही पहुंच गए थे। इनके बीच शाम 6 बजे से 8 बजे तक आपसी चर्चा हुई। मनमुटावों को दूर करने की कवायद विपक्षी नेताओं ने की। इसके बाद कर्नाटक के सीएम सिद्धारामैया की तरफ से सभी विपक्षी नेताओं को डिनर दिया गया। आज विपक्ष की होने वाली बैठक में एनसीपी के अपने धड़े के प्रमुख शरद पवार और उनकी बेटी सुप्रिया सुले भी शामिल होंगे। शरद और सुप्रिया सोमवार को बेंगलुरु नहीं गए थे। वहीं, दिल्ली में होने वाली एनडीए की बैठक में एनसीपी के दूसरे धड़े के अजित पवार और प्रफुल्ल पटेल हिस्सा लेंगे। प्रफुल्ल पटेल और अजित पवार ने इससे पहले अपने साथी विधायकों के साथ सोमवार को एक बार फिर शरद पवार से मुलाकात की थी और उनसे एनसीपी को एकजुट रखने का आग्रह किया था।
विपक्ष का दावा है कि एकजुट होकर वो केंद्र से बीजेपी की मोदी सरकार को उखाड़ फेंकेंगे। वहीं, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने विपक्षी गठबंधन को स्वार्थ के लिए और जनता की आकांक्षाओं को पूरा न करने वाला बताकर पलटवार किया गया है। अगर मौजूदा लोकसभा में दोनों पक्षों की ताकत देखी जाए, तो बेंगलुरु में जुटे विपक्षी दलों के 125 के करीब सांसद हैं। वहीं, एनडीए के सांसदों की संख्या 300 से ऊपर है। इनमें अकेले बीजेपी के पास ही 303 सांसद हैं। कई विपक्षी दलों मसलन बीजेडी, वाईएसआरसीपी, अकाली दल ने बेंगलुरु की बैठक में हिस्सा न लेने का फैसला किया है। ऐसे में इसे पूरे विपक्ष का गठबंधन भी फिलहाल नहीं कहा जा सकता।