newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

महाराष्ट्र सरकार कोरोना काल में एक लाख मजदूरों को उनके घर भेजने की तैयारी में, जानिए वजह

सामाजिक न्याय मंत्री के कार्यालय से जारी एक बयान में कहा गया है कि 1.31 लाख चीनी मिल मजदूर राज्य में 38 चीनी मिलों के परिसरों में बने अस्थायी आवास में रह रहे हैं। जबकि कई अन्य मजदूर दूसरे स्थानों पर फंसे हुए हैं।

नई दिल्ली। महाराष्ट्र सरकार ने लॉकडाउन के बीच चीनी मिल के एक लाख से अधिक प्रवासी मजदूरों को अपने-अपने गांव लौटने की इजाजत देने का फैसला किया है। ये तब है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉकडाउन को लेकर और भी सख्ती की बात कही है। महाराष्ट्र सरकार इससे पहले उनकी कोरोना की जांच कराएगी। राज्य के सामाजिक न्याय मंत्री धनंजय मुंडे ने यह जानकारी दी।

सामाजिक न्याय मंत्री के कार्यालय से जारी एक बयान में कहा गया है कि 1.31 लाख चीनी मिल मजदूर राज्य में 38 चीनी मिलों के परिसरों में बने अस्थायी आवास में रह रहे हैं। जबकि कई अन्य मजदूर दूसरे स्थानों पर फंसे हुए हैं। हालांकि, इन प्रवासी मजदूरों को अपने गांव लौटने की इजाजत देने से एक जिले से दूसरे जिले में भारी संख्या में लोगों की आवाजाही होगी।

sugar mill in maharashtra

धनंजय मुंडे ने ट्वीट में कहा, ‘चीनी मिलों में काम करने वाले मेरे भाइयों, आपके लिए एक अच्छी खबर है! आप अब अपने गांव लौट सकते हैं। सरकार ने इस संबंध में आदेश जारी किया है।’ सरकार के इस फैसले से बीड और अहमदनगर के मजदूरों को फायदा होगा जो पश्चिमी महाराष्ट्र, कर्नाटक से लगे सीमावर्ती क्षेत्रों और राज्य के अन्य हिस्सों में फंसे हुए हैं।