नई दिल्ली। कृषि कानूनों को लेकर दिल्ली में चल रहे किसानों के प्रदर्शन को 22 दिन होने को हैं। ऐसे में किसान संगठन एमएसपी और मंडी समिति के मुद्दे पर दिल्ली की सीमा पर डटे हुए हैं। इन सबके बीच किसानों और सरकार के बीच कई दौर की बातचीत तो हुई लेकिन इसका कोई नतीजा नहीं निकल सका। जहां किसान अपनी मांग पर अडिग हैं कि केंद्र द्वारा पारित कृषि कानूनों को वापस लिया जाय तभी वो अपना प्रदर्शन वापस लेंगे तो वहीं केंद्र सरकार का भी संकेत साफ है कि कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया जाएगा, बल्कि संशोधन करने को सरकार तैयार है। आपको बता दें कि इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को मध्य प्रदेश के 35 लाख किसानों से रूबरू हुए। इस दौरान उन्होंने किसानों से कहा कि, कृषि कानूनों को लेकर विपक्षी दल उन्हें भड़का रहे हैं। उन्होंने कहा कि जहां तक किसानों की बात है तो वो एक बात स्पष्ट करना चाहते हैं कि अन्नदाताओं के साथ खिलवाड़ कोई भी नहीं कर सकता है।
पीएम मोदी ने कहा कि, खेती के क्षेत्र में कृषि कानूनों को आमूलचूल बदलाव के लिए लाया गया है और वो कहना चाहते हैं कि जिन संगठनों को ऐतराज है वो सरकार से बातचीत करें। पीएम मोदी ने जोर देते हुए कहा कि, किसी भी तरह के संशय पर संवाद ही हल मिलता है।
इस बात का सबूत है कि एमएसपी समय समय पर बढ़ाने पर कितनी तवज्जो देती है। पीएम मोदी ने किसानों से कहा कि विपक्ष किसानों को भड़काने का काम कर रहा है, क्योंकि आज उसके पास किसी तरह का मुद्दा नहीं है। एमएसपी के मुद्दे पर जो लोग सरकार की नीयत पर सवाल उठा रहे हैं उन्हें बताना चाहिए कि एमएसपी के मुद्दे पर वो क्या कर रहे थे। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में विरोध का हक हर किसी को है लेकिन जिन संगठनों को परेशानी है उन्हें अपनी बात रखने के लिए आगे आना चाहिए।
“The numbers I will provide you with, will clear everything up regarding the MSP,” says PM Modi at the Kisan Kalyan event pic.twitter.com/cvnYtXuHq9
— ANI (@ANI) December 18, 2020
फिलहाल आपको बता दें कि किसानों का मुद्दा अब देश की सर्वोच्च अदालत में है और उसके साथ ही विपक्ष इस समय मौजूदा सरकार पर भी हमलावर है तो बीजेपी किसान कल्याण सम्मेलन के जरिए केंद्र सरकार किसानों को समझा रही है कि मौजूदा कृषि कानूनों से डरना नहीं चाहिए।