नई दिल्ली। साल 2014 में पीएम नरेंद्र मोदी के लिए लोकसभा चुनाव की रणनीति बनाकर चर्चित हुए प्रशांत किशोर ने एक बार फिर बिहार के सीएम नीतीश कुमार पर निशाना साधा है। बीते दिनों प्रशांत ने ट्वीट में नीतीश और मोदी की फोटो लगाकर निशाना साधा था। अब उन्होंने कहा है कि चार नेताओं से मिलने या साथ चाय पीने से कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है। इससे विपक्षी एकता साबित नहीं होती। प्रशांत किशोर ने एक बार फिर कहा कि नीतीश के ऐसे कदमों से राष्ट्रीय स्तर पर सियासत में कोई फर्क नहीं पड़ेगा। शनिवार को एक इंटरव्यू में प्रशांत ने कहा कि बिहार में कई गठजोड़ बनते और बिगड़ते हमने देखे हैं। नीतीश पहले बीजेपी के साथ थे। फिर उसे छोड़ा। एक बार फिर बीजेपी के साथ आए और दोबारा छोड़ा। गठबंधन नहीं टूटा तो सिर्फ नीतीश और सीएम की कुर्सी का।
हम लोग एक नारा सुनते आए हैं कि फेविकोल का जोड़ है, नहीं टूटने वाला। बिहार में तो हम लोगों ने कई तरह के जोड़ों को बनते और बिगड़ते हुए देखा है। हमने देखा कि नीतीश जी कैसे भाजपा के साथ थे, फिर छोड़ा, फिर साथ आए, फिर छोड़ा: चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर, पटना pic.twitter.com/dZQTfTRgX0
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 10, 2022
चुनाव रणनीतिकार ने कहा कि नीतीश कुर्सी से चिपके हुए हैं। ऐसी बाजीगरी वो ही कर सकते हैं। कोई भी गठबंधन हो, कैसे भी हालात हों, लेकिन ये रिश्ता नहीं टूटता है। प्रशांत किशोर ने तंज कसते हुए कहा कि फेविकोल कंपनी को उन्हें (नीतीश) अपना ब्रांड एम्बेसडर बनाना चाहिए। प्रशांत किशोर ने अपनी बात को दोहराया कि बिहार में हाल में जो हुआ है, वो राज्य आधारित घटना है। इसका दूसरे राज्यों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में पहले महाविकास अघाड़ी सरकार थी। अब एनडीए की सरकार है, लेकिन इसका बिहार पर कोई असर नहीं पड़ा है।
बता दें कि बिहार में बीजेपी से नाता तोड़ने के बाद नीतीश कुमार ने लालू और तेजस्वी यादव की आरजेडी से हाथ मिलाकर फिर सरकार बनाई है। इसके बाद से ही वो दिल्ली की सत्ता में बदलाव करने की तैयारी में जुटे हैं। नीतीश कुमार ने 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए मोदी विरोधी विपक्ष को एक करने का काम शुरू किया है। उनकी पार्टी कह रही है कि नीतीश भी पीएम मैटेरियल हैं। हालांकि, नीतीश कहते रहते हैं कि वो न तो पीएम पद के दावेदार हैं और न ही इसके लिए इच्छुक हैं।