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Fact Check On Rahul Gandhi Allegation: पिछड़ी जाति के अफसरों को मोदी सरकार में जगह न देने के राहुल गांधी के आरोप का निकला दम!, कांग्रेस और सहयोगी दलों की सरकारों की हकीकत देख लीजिए

पिछले दिनों संसद का विशेष सत्र था। विशेष सत्र में महिला आरक्षण बिल को मोदी सरकार लाई थी। इस दौरान लोकसभा में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर पिछड़ा विरोधी होने का आरोप लगाया था। राहुल गांधी ने कहा था कि मोदी सरकार को चलाने वाले जो 90 सचिव हैं, उनमें से सिर्फ 3 ही पिछड़ी जाति के हैं।

नई दिल्ली। पिछले दिनों संसद का विशेष सत्र हुआ था। संसद के विशेष सत्र में महिला आरक्षण बिल को मोदी सरकार लाई थी। इस दौरान लोकसभा में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर पिछड़ा विरोधी होने का आरोप लगाया था। राहुल गांधी ने आरोप लगाते हुए कहा था कि मोदी सरकार को चलाने वाले जो 90 सचिव हैं, उनमें से सिर्फ 3 ही पिछड़ी जाति के हैं। इस पर गृहमंत्री अमित शाह ने कहा था कि राहुल गांधी सोचते हैं कि सरकार सचिव चलाते हैं, जबकि, सरकार को हम चलाते हैं। अब अंग्रेजी अखबार द टाइम्स ऑफ इंडिया ने अपनी खबर में बताया है कि मोदी सरकार पर पिछड़ों को सचिव न बनाने का आरोप लगाने वाले राहुल गांधी की पार्टी कांग्रेस या इंडिया गठबंधन की जिन राज्यों में सरकार है, उनमें से तमिलनाडु को छोड़कर चीफ सेक्रेटरी जैसे अहम पद पर एससी, एसटी या पिछड़ी जाति का कोई अफसर नहीं तैनात है।

modi and rahul gandhi

अखबार की खबर के मुताबिक कांग्रेस शासित हिमाचल प्रदेश के चीफ सेक्रेटरी प्रबोध सक्सेना हैं। कांग्रेस शासित राजस्थान में ऊषा शर्मा, कांग्रेस शासित कर्नाटक में वंदिता शर्मा, कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ में अमिताभ जैन चीफ सेक्रेटरी हैं। ये सभी टॉप अफसर आरक्षित कोटे के नहीं हैं। इंडिया गठबंधन में कांग्रेस की सहयोगी आम आदमी पार्टी शासित पंजाब में अनुराग वर्मा, जेडीयू-आरजेडी और कांग्रेस शासित बिहार में अमीर सुभानी, इंडिया गठबंधन में कांग्रेस के साथ जुड़ी टीएमसी शासित बंगाल में एचके द्विवेदी, इंडिया गठबंधन के ही जेएमएम शासित झारखंड में सुखदेव सिंह और कांग्रेस के सहयोगी वामपंथी दलों के शासित केरल में वी. वेणु चीफ सेक्रेटरी हैं। सिर्फ कांग्रेस की सहयोगी डीएमके ही ऐसी पार्टी है, जिसने तमिलनाडु में अपनी सरकार का चीफ सेक्रेटरी आदिवासी समुदाय के शिवदास मीणा को बना रखा है।

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अगर केंद्र की पिछली कांग्रेस सरकारों की बात करें, तो जवाहरलाल नेहरू की सरकार में 1947 से मई 1964 तक हीरूभाई पटेल टॉप सचिवों में रहे। इंदिरा गांधी के पीएम रहते एलके झा, पीएन हक्सर, पीएन धर और पीसी एलेक्जेंडर को बड़े पदों पर रखा गया। राजीव गांधी के पीएम रहते पीसी एलेक्जेंडर, सरला ग्रेवाल और बीजी गणेश टॉप अधिकारी रहे। वहीं, मनमोहन सिंह के पीएम रहते टीकेए नायर और पुलक चटर्जी को सबसे अहम पद दिए गए थे। कांग्रेस के केंद्र में शासन के दौरान नियुक्त किए गए इन सभी बड़े अफसरों में कोई भी आरक्षित यानी एससी, एसटी या पिछड़ी जाति का नहीं था। यानी साफ है कि राहुल गांधी को मोदी सरकार पर आरोप लगाने के दौरान न पिछला इतिहास दिख रहा है और न ही वो मौजूदा हालात को देख पाए। जबकि, केंद्र सरकार ने संसद में साफ कहा है कि आईएएस में 1993 से पिछड़ी जाति को आरक्षण दिया गया और तबके अफसर अब तक सचिव बनने की श्रेणी में नहीं आए हैं।