कोलकाता। पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के दौरान जमकर हिंसा हुई थी। इस हिंसा में सत्तारूढ़ टीएमसी के 11 कार्यकर्ताओं समेत 15 लोगों की जान गई थी। आज फिर यहां 697 बूथ पर फिर से वोटिंग कराई जा रही है। इन सभी बूथों पर हिंसा का तांडव हुआ था। सबसे ज्यादा मुर्शिदाबाद जिले के 175 बूथ में वोटिंग हो रही है। जबकि, मालदा में 112, नदिया में 89, उत्तर 24 परगना के 46, दक्षिण 24 परगना के 36 बूथों के अलावा कई और जगह वोट डाले जा रहे हैं। सभी जगह केंद्रीय बलों की तैनाती की गई है। पंचायत चुनाव में हिंसा के बारे में केंद्रीय बलों के नोडल अफसर बीएसएफ के आईजी आज कलकत्ता हाईकोर्ट में अपनी रिपोर्ट सौंपने वाले हैं। आईजी ने पहले राज्य चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखी थी। जिसमें कहा गया था कि संवेदनशील बूथों की पहले से जानकारी नहीं दी गई।
इस बीच, कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने बीएसएफ के आई को चिट्ठी लिखकर हिंसाग्रस्त इलाकों में वोटरों को सुरक्षा देने का आग्रह किया है। अधीर रंजन चौधरी, सीपीएम और पश्चिम बंगाल बीजेपी के अध्यक्ष सुकांत मजुमदार ने हिंसा के लिए टीएमसी को जिम्मेदार ठहराया था। वहीं, टीएमसी का कहना है कि हिंसा में सबसे ज्यादा उसके लोग मारे गए। फिर किस वजह से उस पर हिंसा करने का आरोप लगाया जा रहा है। उधर, कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी पर उंगली उठाई है। दिग्विजय सिंह ने ट्वीट किया है कि वो ममता के धैर्य और दृढ़ संकल्प के प्रशंसक रहे हैं, लेकिन जो हो रहा है वो ठीक नहीं है। दिग्विजय ने लिखा है कि ममता ने सीपीएम शासन के दौरान इस तरह की हिंसा का बहादुरी से सामना किया था, लेकिन फिलहाल बंगाल में जो हो रहा है वो लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है।
What is happening in Panchayat Polls in Bengal is frightening. I have been an admirer of Mamta of her grit and determination but what is happening is unpardonable. We know you bravely faced similar situation in CPM rule but what is happening now is not good for our Democracy.
— digvijaya singh (@digvijaya_28) July 10, 2023
पश्चिम बंगाल में चुनाव के दौरान हमेशा हिंसा होती है। 2021 के विधानसभा चुनाव और उसके बाद भी बंगाल में खूब हिंसा हुई थी। इस बार पंचायत चुनावों की तारीखों के एलान के साथ ही हिंसा शुरू हो गई। मतदान से पहले विभिन्न राजनीतिक दलों के 18 कार्यकर्ताओं की हत्या हुई थी। मतदान के दौरान तो हिंसा के नजारे तमाम जगहों से देखने को मिले थे। बैलेट बॉक्स लेकर भागते लोग, आगजनी, बमबाजी और कट्टा लहराते उपद्रवियों के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे।