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Mohan Bhagwat: ‘भारत की तरक्की रोकना चाहती हैं कुछ ताकतें’, स्वतंत्रता दिवस पर बोले आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत

उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि भारत दुनिया को जागृत कर सकता है। हमें भारत की प्रगति रोकने की कोशिश कर रही ताकतों से सावधान रहना होगा। हमें देश के ध्वज में छिपे संदेश के मुताबिक काम करना होगा और भारत को एकजुट बनाकर नकारात्मक ताकतों को विफल करना होगा।

बेंगलुरु। आजादी की 77वीं सालगिरह यानी स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने बेंगलुरु में ध्वजारोहण किया। इस अवसर पर मोहन भागवत ने कहा कि देश को अपनी क्षमता बढ़ानी होगी। उन्होंने कहा कि इस क्षमता और सांस्कृतिक शक्ति के जरिए भारत पूरी दुनिया के लिए उम्मीद जगा सकता है। आरएसएस प्रमुख ने कहा कि देश को अपने राष्ट्रीय ध्वज से प्रेरणा लेने की जरूरत है और उसे लेकर ही आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि तिरंगे से प्रेरणा लेकर हम दुनिया का नेतृत्व कर सकेंगे। मोहन भागवत ने कहा कि देशविरोधी ताकतें नहीं चाहतीं कि हम आगे बढ़ें। कुछ ताकतें भारत की तरक्की रोकना चाहती हैं।

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उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि भारत दुनिया को जागृत कर सकता है। हमें भारत की प्रगति रोकने की कोशिश कर रही ताकतों से सावधान रहना होगा। हमें देश के ध्वज में छिपे संदेश के मुताबिक काम करना होगा और भारत को एकजुट बनाकर नकारात्मक ताकतों को विफल करना होगा। मोहन भागवत ने कहा कि भगवा रंग बलिदान का प्रतीक है। ये रंग जीवन को तमसो मा ज्योतिर्गमय यानी अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाता है। वहीं, सफेद रंग बिना स्वार्थ काम करने का प्रतीक है। हरा रंग श्री लक्ष्मी यानी धन का प्रतीक है। ये बौद्धिक है, आस्था वाला है और स्वार्थ के बिना मजबूती पाने में मदद देता है।

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राष्ट्रीय ध्वज के आरोहण और राष्ट्रगान के बाद आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि भारत पूरी दुनिया को शुद्धता, समृद्धि, ज्ञान और समर्पण की शिक्षा दे सकता है। उन्होंने कहा कि हम सूरज की पूजा करते हैं। इसी वजह से हमें भारत कहा जाता है। इसकी व्याख्या ये कहकर की कि भा का अर्थ रोशनी है। मोहन भागवत ने आगे ये भी कहा कि दुनिया को जगाने के लिए ही भारत को आजादी मिली है। ये कार्यक्रम समर्थ भारत संस्था ने किया था। जिसमें सर कार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले भी शामिल हुए।