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Uttar Pradesh: सीएम योगी आदित्यनाथ के विशेष वरासत अभियान को ग्रामीण जनता का मिल रहा जबर्दस्त समर्थन

Uttar Pradesh: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने “विशेष वरासत अभियान” की शुरुआत करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिया था कि उक्त अभियान को बेहद गंभीरता से चलाया जाए और इस अभियान के खत्म होने तक वरासत संबंधी सभी लंबित प्रकरण समाप्त हो जाने चाहिए। वास्तव में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विशेष वरासत अभियान को लेकर बेहद गंभीर हैं।

लखनऊ। राज्य में भूमि विवादों को पूरी तरह खत्म करने को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर चलाए जा रहे “विशेष वरासत अभियान” के तहत अब तक 5.24 लाख से अधिक प्रकरणों का निस्तारण किया गया है। प्रतापगढ़ सहित राज्य के पांच जिलों में वरासत संबंधी 15-15 हजार से अधिक प्रकरणों का निस्तारण हुआ है। इसी तरह से अन्य जिलों में भी लंबित वरासत के प्रकरण निस्तारित किया जा रहा है। अब तक निस्तारित किए गए सभी प्रकरण वर्षों से लंबित थे।

CM Yogi Adityanath

राजस्व विभाग के आंकड़ों के अनुसार, बीते 15 दिसंबर से चल रहे विशेष वरासत अभियान के तहत 28 जनवरी तक 5.24 लाख से अधिक प्रकरणों का निस्तारण राजस्व विभाग द्वारा किया गया है। लंबित वरासत के प्रकरणों को निस्तारित करने के लिए करीब 23 हजार लेखपाल और 2700 राजस्व निरीक्षण गांव-गांव जा रहे हैं। पहली बार इस तरह का अभियान चलाया जा रहा है। राज्य के राजस्व सचिव संजय गोयल के अनुसार, गत 15 दिसंबर से “आपकी जमीन, आपका अधिकार, सबको मिले अपना उत्तराधिकार” के संकल्प से शुरु हुए इस अभियान के तहत 28 जनवरी तक वरासत से संबंधित 5,73, 217 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 5,24,774 प्रकरणों का निस्तारण कर दिया गया है। ग्रामीणों से प्राप्त शेष बचे 48443 आवेदनों को निस्तारित करने की प्रक्रिया चल रही है। वरासत संबंधी 9538 मामलों की राजस्व कोर्ट सुनवाई हो रही हैं। इन सभी प्रकरणों को शीघ्र निस्तारित कराने के लिए निर्देश दिए गए हैं।

CM Yogi Adityanath

राजस्व सचिव संजय गोयल के मुताबिक, राज्य में वरासत संबंधी विवादों को पूरी तरह से खत्म करने के लिए पांच चरणों में चलाए जाने जा रहे विशेष वरासत अभियान के तहत गांवों में राजस्व विभाग के लेखपाल तथा अन्य अधिकारी ग्रामीणों से वरासत संबंधी प्रकरणों की जानकारी लेकर उसका निस्तारण कर रहें हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने “विशेष वरासत अभियान” की शुरुआत करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिया था कि उक्त अभियान को बेहद गंभीरता से चलाया जाए और इस अभियान के खत्म होने तक वरासत संबंधी सभी लंबित प्रकरण समाप्त हो जाने चाहिए। वास्तव में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विशेष वरासत अभियान को लेकर बेहद गंभीर हैं। उनकी मंशा साफ है कि राज्य में वरासत से संबंधित सभी लंबित प्रकरणों का निस्तारण कर दिया जाए, क्योंकि इन प्रकरणों के लंबित रहने से भूमि के विवाद होते हैं। जिसका संज्ञान लेते हुए ही मुख्यमंत्री ने विशेष वरासत अभियान शुरू करने की योजना तैयार करायी थी। जिसके तहत मुख्यमंत्री ने राज्य के सभी मंडलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों को विशेष वरासत अभियान में प्राप्त आवेदनों का शत-प्रतिशत ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराने के निर्देश दिए थे।

CM Yogi Adityanath

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा था कि राजस्व ग्राम समिति की बैठक के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए, ताकि इस अभियान में अधिकतम सहभागिता सुनिश्चित की जा सके। मुख्यमंत्री के इस निर्देश पर राजस्व विभाग के लेखपाल और राजस्व निरीक्षक 15 दिसंबर से लगातार गांव- गांव जाकर वरासत संबंधी लंबित प्रकरणों के आवेदन ग्रामीणों से लेकर गए उनका निस्तारण करने में जुटे हैं। राजस्व सचिव संजय गोयल के अनुसार, प्रयागराज, आजमगढ़, हरदोई, जौनपुर और गाजीपुर में 15-15 हजार से अधिक वरासत संबंधी प्रकरण निस्तारित किए गए हैं। इसी प्रकार अंबेडकरनगर, अयोध्या, सुल्तानपुर, बलिया, गोरखपुर, गोंडा, कौशांबी, प्रतापगढ़, उन्नाव, खीरी और सीतापुर में 10-10 हजार से अधिक वरासत संबंधी प्रकरणों का निस्तारण किया गया है।

CM Yogi Adityanath

राजस्व सचिव के अनुसार, राज्य के सभी गांवों में लोग वरासत के प्रकरणों को निस्तारित कराने में रूचि लें, इसके लिए राजस्व विभाग के अधिकारी विशेष वरासत अभियान के प्रचार प्रचार भी कर रहे हैं। चंद दिनों में ही इतनी बड़ी संख्या में वरासत संबंधी मामलों का निस्तारण किए जाने से अब राज्य के गांव-गांव में विशेष वरासत अभियान में रूचि लेते हुए लोग निर्विवाद उत्तराधिकारों को खतौनियों में दर्ज कराने के लिए बढ़-चढ़ कर आवेदन कर रहे हैं। इसे देखते हुए यह दावा किया जा रहा है कि आवेदन करने वालों की संख्या में इजाफा होगा और आगामी 15 फरवरी के बाद राज्य में वरासत से संबंधित एक भी विवाद शेष नहीं रहेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी यही चाहते हैं कि झगड़े की वजह बनने वाले वरासत से सभी प्रकरण खत्म हों।