नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) का नाता विवादों से रहा है ये कहना गलत नहीं होगा। अभी हाल ही में रामनवमी के मौके पर जेएनयू में वामपंथी छात्र संगठन और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के बीच हिंसक झड़प हुई थी। इस घटनाक्रम में कई छात्र घायल हुए थे। वहीं अब एक बार फिर ये विश्वविद्यालय चर्चा में है। इस बार इसके चर्चा में रहने का कारण भगवा झंडे और कई सारे पोस्टर हैं जो की जेएनयू के बाहर लगाए गए हैं। दरअसल, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के बाहर भगवा झंडे और कई सारे पोस्टर लगाए गए हैं जिसमें ‘भगवा जेएनयू’ लिखा हुआ नजर आ रहा है। ये झंडे और पोस्टर जेएनयू के बाहर वाले रोड और मुख्य गेट के पास लगाए गए। हिंदू सेना द्वारा लगाए गए ये पोस्टर और झंडे रामनवमी के दिन हुए विवाद के बाद आज लगाए गए हैं।
हिंदू सेना के उपाध्यक्ष सुरजीत यादव का भी बयान इस मामले पर सामने आया है जिसमें उन्होंने ये कहा है कि JNU में लगातार विरोधियों द्वारा भगवा का अपमान किया जा रहा है। ये लोग सुधर जाएं और भगवा का अपमान करना बंद करें। हम सभी धर्मों और विचार का सम्मान करते हैं। जिस तरह से भगवा रंग का अपमान किया जा रहा है। उसे हिंदू सेना द्वारा सहन नहीं किया जाएगा।
वहीं, इस घटना पर दक्षिण पश्चिम दिल्ली के डीसीपी का भी बयान सामने आ गया है। उन्हें मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि आज सुबह पता चला है कि जेएनयू के पास सड़क और आसपास के इलाकों में कुछ झंडे और बैनर चस्पा किए गए हैं। हाल ही में हुई घटनाओं को देखते हुए इन्हें तुरंत हटा दिया गया है साथ ही उचित कानूनी कार्रवाई भी की जा रही है।
गौरतलब हो कि रामनवमी के दौरान कावेरी हॉस्टल में नॉनवेज खाना परोसे जाने से रोकने को लेकर हिंसा हुई थी। लेफ्ट विंग के छात्रों ने आरोप लगाया था कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सदस्यों ने हॉस्टल में आकर मेस स्टाफ को नॉनवेज परोसने से रोकने की कोशिश की साथ ही मौजूद छात्रों पर हमला किया था। वहीं, एबीवीपी का आरोप था कि लेफ्ट विंग के छात्रों ने रामनवमी के अवसर पर हो रही पूजा को रोकने की कोशिश की। इस मामले की पुलिस जांच कर रही है।