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Alliance: महाराष्ट्र में शिवेसना-BJP गठबंधन की बनने वाली है सरकार!, उद्धव के मंत्री ने बताया फार्मूला

जिस तरह एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि उन्होंने उद्धव को जाल में फंसा लिया और जिस तरह कांग्रेस आए दिन शिवसेना पर हमला बोलती है, उसे देखते हुए उद्धव अब फिर से बीजेपी के साथ गलबहियां बढ़ाने की कोशिश में जुटे हैं। इस काम के लिए उन्होंने अपने मंत्री अब्दुल सत्तार को लगाया है।

नई दिल्ली। महाराष्ट्र में बीजेपी से गठबंधन तोड़कर एनसीपी और कांग्रेस से हाथ मिलाकर शायद उद्धव ठाकरे अब परेशान हैं। जिस तरह एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि उन्होंने उद्धव को जाल में फंसा लिया और जिस तरह कांग्रेस आए दिन शिवसेना पर हमला बोलती है, उसे देखते हुए उद्धव अब फिर से बीजेपी के साथ गलबहियां बढ़ाने की कोशिश में जुटे हैं। इस काम के लिए उन्होंने अपने मंत्री अब्दुल सत्तार को लगाया है। अब्दुल सत्तार ने मंगलवार को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात के बाद संकेत दिए कि महाराष्ट्र में एक बार फिर बीजेपी और शिवसेना साथ आ सकते हैं। सत्तार ने कहा कि गडकरी ही दोनों दलों के बची मतभेद दूर कर सकते हैं। साथ ही बिहार फॉर्मूले पर महाराष्ट्र में शिवसेना-बीजेपी की सरकार बन सकती है।

Union Minister Nitin Gadkari

अब्दुल सत्तार ने गडकरी से बैठक के बाद एक न्यूज एजेंसी से कहा कि अगर दिल्ली में बीजेपी नेतृत्व चाहे, तो कुछ भी हो सकता है। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने बिहार में कनिष्ठ सहयोगी जेडीयू को सत्ता चलाने दी है। अगर ऐसा महाराष्ट्र में भी होता है, तो शिवसेना और बीजेपी की सरकार बन सकती है। अब्दुल सत्तार ने कहा कि अगर नितिन गडकरी बीजेपी और शिवसेना के बीच पुल बनना मंजूर करते हैं, तो वो सीएम उद्धव ठाकरे से संपर्क भी कर सकते हैं। बता दें कि गडकरी और ठाकरे परिवार के बीच काफी बेहतर संबंध अभी भी बने हुए हैं।

abdul sattar with uddhav 1

सत्तार ने ये भी कहा कि उद्धव ठाकरे के मन में गडकरी के लिए बहुत सम्मान है। अगर गडकरी ने प्रस्ताव पर ठाकरे से संपर्क किया, तो फिर से गठबंधन की राह आगे बढ़ सकती है। महाराष्ट्र में 2019 के विधानसभा चुनाव के बाद शिवसेना ने सीएम पद मांगा था। बीजेपी ने इससे इनकार कर दिया था। जिसके बाद दोनों का करीब 30 साल पुराना गठबंधन टूट गया था। शिवसेना का आरोप रहा है कि अमित शाह ने उद्धव को भरोसा दिया था कि राज्य में ढाई-ढाई साल के लिए दोनों दलों के सीएम रहेंगे। वहीं, अमित शाह ने हर बार कहा है कि इस तरह का कोई वादा उन्होंने कभी नहीं किया।