नई दिल्ली। हाथरस हादसे की जांच के लिए गठित एसआईटी ने अभी अपनी रिपोर्ट शासन को नहीं सौंपी है। कुछ मीडिया रिपोर्ट में यह दावा किया जा रहा था कि एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। इसके बाद एडीजी आगरा जोन अनुपम कुलश्रेष्ठ ने इस खबर का खंडन किया। एडीजी के अनुसार दिनांक 02.07.2024 को थाना सिकंदराराऊ क्षेत्रांतर्गत हुई दुःखद दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना में अपर पुलिस महानिदेशक आगरा जोन, आगरा की अध्यक्षता में एसआईटी टीम का गठन किया गया था, जिसमे कतिपय सोशल मीडिया व न्यूज चैनलों के माध्यम से संज्ञान में आया है कि एसआईटी टीम द्वारा अपनी रिपोर्ट सौंप दी गई है, जो कि असत्य व निराधार है, कृपया असत्य व भ्रामक खबर न फैलाएं।
2/2 जिसमें कतिपय सोशल मीडिया व न्यूज चैनलों के माध्यम से संज्ञान में आया है कि एसआईटी टीम द्वारा अपनी रिपोर्ट सौंप दी गई है, जो कि असत्य व निराधार है, कृपया असत्य व भ्रामक खबर न फैलाये।@dgpup @Uppolice @ChiefSecyUP @CMOfficeUP pic.twitter.com/rxzfWGghI2
— ADG ZONE AGRA (@adgzoneagra) July 5, 2024
आपको बता दें कि कुछ मीडिया संस्थानों द्वारा दावा किया जा रहा था कि एसआईटी ने अपनी जांच रिपोर्ट में 100 लोगों के बयान दर्ज किए हैं। मीडिया के मुताबिक रिपोर्ट में एसआईटी ने हादसे के लिए कार्यक्रम आयोजन समिति को जिम्मेदार ठहराते हुए दावा किया कि बेहतर इंतजाम न होने तथा आयोजनकर्ताओं द्वारा लापरवाही के चलते भगदड़ मची थी। एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में आयोजन समिति के लोगों द्वारा कार्यक्रम अनुमति की शर्तों का उल्लंघन करने के लिए तथ्य छुपाने का भी जिम्मेदार ठहराया है। मीडिया द्वारा यह भी दावा किया गया था कि एसआईटी ने स्थानीय अफसरों के रवैये पर भी सवाल उठाया है। एसआईटी ने कहा कि स्थानीय अफसरों ने कार्यक्रम शुरू होने से पहले मौके पर जाकर स्थिति का जायजा नहीं लिया। लगातार भीड़ बढ़ती रही और वहां जो भी अफसर मौजूद थे वो सही स्थिति का आंकलन नहीं कर सके। हालांकि अब एडीजी आगरा जोन ने एसआईटी रिपोर्ट की खबर को भ्रामक करार दिया है। आपको बता दें कि भगदड़ वाले हादसे के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एडीजी आगरा जोन अनुपम कुलश्रेष्ठ के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया था। योगी ने 24 घंटे के अंदर रिपोर्ट मांगी थी, हालांकि राहत एवं बचाव कार्य के चलते एसआईटी ने सीएम से रिपोर्ट तैयार करने के लिए अतिरिक्त समय मांग लिया है।