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TMC MP Mahua Moitra: स्पीकर ओम बिरला ने TMC सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ उठाया ये कदम, जानिए पूरा माजरा

TMC MP Mahua Moitra: महुआ मोइत्रा प्रकरण ने सभी विपक्षी दलों को एकजुट कर दिया है। बता दें कि सिर्फ कांग्रेस ही नहीं, बल्कि तमाम विपक्षी दलों के नेताओं ने निशिकांत दुबे के इस कदम की निंदा की है। विपक्षियों का कहना है कि सरकार नहीं चाहती है कि संसद में अडानी के संदर्भ में किसी भी प्रकार का सवाल जवाब हो।

नई दिल्ली। टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। दरअसल, बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे की शिकायत के बाद अब खबर है कि लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने महुआ मोइत्रा के खिलाफ ‘कैश फॉर क्वेश्चन’ शिकायत को एथिक्स पैनल को भेज दिया है। माना जा रहा है कि आगामी दिनों में महुआ मोइत्रा के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकती है। बता दें कि बीते दिनों बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को पत्र लिखकर टीएमसी सांसद पर गंभीर आरोप लगाए थे। जिसमें कहा गया था कि टीएमसी सांसद व्यापारी दर्शन हीरानंदानी के पैसे लेकर उनके संदर्भ में संसद में सवाल पूछती है। इतना ही नहीं, निशिकांत दुबे ने यहां तक आरोप लगाया था कि टीएमसी सांसद को अब तक इस मामले में 2 करोड़ रुपए तक की रकम दी जा चुकी है। वहीं, महुआ मोइत्रा ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर इसे राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित बताया था।


इसके साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट कर दिया था कि वो हर प्रकार का जांच का सामना करने के लिए तैयार हैं। उधर, खबर है कि महुआ मोइत्रा ने निशिकांत दुबे को कानूनी नोटिस भी भेजा है। इसके अलावा केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने भी महुआ मोइत्रा के प्रकरण की निंदा की। उन्होंने बाकायदा ट्वीट किया। जिसमें उन्होंने कहा कि ‘मुझे समाचार रिपोर्टों से पता चला है कि यह संसदीय प्रश्न संभवतः एक डेटा सेंटर कंपनी के आदेश पर एक सांसद द्वारा पूछा गया था। अगर यह सच है तो यह वाकई चौंकाने वाला और शर्मनाक है यह सच है कि यह कंपनी डेटा स्थानीयकरण के लिए सक्रिय और आक्रामक तरीके से पैरवी कर रही थी। पीक्यू में उपयोग की गई भाषा बहुत समान है (डेटा स्थानीयकरण की आवश्यकता को डेटा उल्लंघनों से जोड़ना) उस भाषा के समान है जब इस कंपनी के प्रमुख ने मुझसे मुलाकात की थी। मुझे इसके पूरे तथ्य या पृष्ठभूमि की जानकारी नहीं है – लेकिन अगर यह सच है तो यह एक भयानक उपहास और पीक्यू का दुरुपयोग है।

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उधर, महुआ मोइत्रा प्रकरण ने सभी विपक्षी दलों को एकजुट कर दिया है। बता दें कि सिर्फ कांग्रेस ही नहीं, बल्कि तमाम विपक्षी दलों के नेताओं ने निशिकांत दुबे के इस कदम की निंदा की है। विपक्षियों का कहना है कि सरकार नहीं चाहती है कि संसद में अडानी के संदर्भ में किसी भी प्रकार का सवाल जवाब हो। वहीं, अगर कोई इस संदर्भ में सवाल जवाब करता है, तो सरकार उसे दबाने की कोशिश करती है, जैसा कि वर्तमान में महुआ मोइत्रा के साथ किया जा रहा है।

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हालांकि, महुआ ने स्पष्ट कर दिया है कि वो हर प्रकार के जांच का सामना करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने इस बात को दोहराया है कि निशिकांत दुबे द्वारा लगाए गए आरोप राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित हैं। इसके अलावा महुआ ने निशिकांत दुबे के डिग्री को लेकर भी सवाल उठाए हैं। दरअसल, निशिकांत दुबे पर झूठी डिग्री रखने के आरोप लग चुके हैं।