नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट से न्याय पाने के लिए या अति आवश्यक मसलों पर आदेश जारी कराने में आज से मुश्किल होने वाली है। सुप्रीम कोर्ट में आज से 1 जनवरी तक जाड़े की छुट्टियां हो गई हैं। इस दौरान कोई भी बेंच नहीं बैठेगी। इससे पहले छुट्टियों के वक्त अहम मसलों की सुनवाई के लिए किसी जज की बेंच रहती थी। इस बार इसमें फेरबदल किया गया है। चीफ जस्टिस डॉ. डीवाई चंद्रचूड़ ने एलान किया है कि जाड़े की छुट्टियों में सुप्रीम कोर्ट की कोई भी बेंच काम नहीं करेगी। इस आदेश से केंद्र सरकार के साथ सुप्रीम कोर्ट का तकरार बढ़ने के भी आसार हैं।
चीफ जस्टिस की तरफ से एक भी बेंच न रखने का आदेश केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू के बयान के बाद आया है। किरेन रिजिजू ने संसद में कहा था कि अदालतों में छुट्टी की वजह से न्याय पाने में आम लोगों को मुश्किल होती है। इस बयान पर चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने कुछ कहा तो नहीं, लेकिन जाड़े की छुट्टियों के दौरान कोई भी बेंच न रखने का आदेश जरूर जारी कर दिया। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट और मोदी सरकार के बीच जजों की नियुक्ति के मसले पर तनातनी काफी समय से चल रही है।
मोदी सरकार ने हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में जजों की नियुक्ति के लिए अलग से प्राधिकारी बनाने का कानून संसद में पास कराया था। इस कानून को सुप्रीम कोर्ट ने अवैध करार दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जजों की नियुक्ति का अधिकार उसके कॉलेजियम के पास ही रहेगा। बीते दिनों सीपीएम के सांसद ने जजों की नियुक्ति संबंधी निजी बिल राज्यसभा में पेश किया था। जिसके बाद कानून मंत्री रिजिजू की प्रतिक्रिया आई थी। अब जाड़ों की छुट्टी का मसला संसद में फिर सोमवार को गूंजने के आसार हैं। हालांकि, मोदी सरकार ने कहा है कि जजों की नियुक्ति संबंधी कानून फिर से लाने का उसका कोई विचार अभी नहीं है।