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EWS Quota Decision: आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को कोटा पर आज सुप्रीम कोर्ट का फैसला, 10 फीसदी आरक्षण को दी गई थी चुनौती

आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को 10 फीसदी आरक्षण का प्रावधान मोदी सरकार ने संविधान के 103वें संशोधन से किया था। याचिका करने वालों ने दलील दी कि 50 फीसदी से ज्यादा आरक्षण नहीं हो सकता। ये दलील भी दी गई कि एससी, एसटी और ओबीसी में भी गरीब हैं। फिर आरक्षण सामान्य वर्ग को क्यों दिया जा रहा है।

नई दिल्ली। आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को शिक्षा और सरकारी नौकरियों में 10 फीसदी आरक्षण (ईडब्ल्यूएस कोटा) दिए जाने के खिलाफ दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ आज फैसला सुनाएगी। बेंच का ये फैसला सुबह करीब 10.30 बजे आएगा। सुप्रीम कोर्ट की कॉज लिस्ट के मुताबिक चीफ जस्टिस उदय उमेश ललित और जस्टिस दिनेश माहेश्वरी एक फैसला सुनाएंगे। जबकि, बेंच के अन्य सदस्य जस्टिस रवींद्र भट, बेला त्रिवेदी और जेबी पारदीवाला अलग-अलग फैसले सुनाएंगे। अब सबकी नजर इसपर है कि सभी जज एक जैसी राय रखते हैं या अलग-अलग राय देते हैं। अगर बहुमत यानी कम से कम 3 जज की राय एक सी रही, तो फैसला मान्य होगा। वरना इस मामले को 7 या 9 जजों की बड़ी बेंच को भेजा जाएगा।

आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को 10 फीसदी आरक्षण दिए जाने का प्रावधान मोदी सरकार ने संविधान के 103वें संशोधन से किया था। इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी गई। याचिका दाखिल करने वालों ने दलील दी कि नियम के हिसाब से 50 फीसदी से ज्यादा आरक्षण नहीं हो सकता। इसके अलावा ये दलील भी दी गई कि एससी, एसटी और ओबीसी में भी गरीब हैं। फिर ये आरक्षण सामान्य वर्ग को ही क्यों दिया जा रहा है।

supreme court

सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली 5 जजों की संविधान पीठ ने सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। चीफ जस्टिस 8 नवंबर यानी कल रिटायर होने वाले हैं। ऐसे में वो आज अहम मसले पर फैसला सुनाने वाले हैं। बता दें कि आरक्षण के नियमों के तहत एससी को 15 फीसदी, एसटी को 7.5 फीसदी और ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण दिया जाना पहले से तय है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट का आज का फैसला सामान्य वर्ग के लिए काफी अहम साबित होने वाला है।