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Jammu-Kashmir: ‘कश्मीर में खून-खराबे का अंत नहीं होता दिख रहा’, सरपंच की हत्या पर मुफ्ती ने जताया दुख तो भड़के यूजर्स, बोले- मगरमच्छ…

Jammu-Kashmir: तीन दिनों में मंजूर अहमद दूसरे नागरिक हैं, जिन्हें आतंकियों ने गोली मारकर मौत के घाट उतारा है। इससे पहले बुधवार को कुलगाम जिले में स्थानीय सतीश सिंह की आतंकियों ने हत्या कर दी थी। अधिकारियों ने इस घटना पर बयान देते हुए कहा था कि आतंकवादियों द्वारा आम नागरिकों पर हमले बीते दो हफ्ते में बढ़े हैं।

नई दिल्ली। बीते शुक्रवार जम्मू-कश्मीर के बारामूला जिले में आतंकवादियों ने एक सरपंच की गोली मारकर हत्या कर दी थी। मारा गया ये शख्स निर्दलीय निर्वाचित हुआ था। इस घटना को लेकर अधिकारियों ने बताया कि आतंकवादियों ने पट्टन इलाके के गोसबाग में मंजूर अहमद (Manzoor Ahmad) पर गोलियां बरसा दी थी। वहीं, जब उसे गंभीर रूप से घायल होने के बाद इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया था तो डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस घटना के बाद से ही एक बार फिर कश्मीर में आतंक का मामला गरमा गया था। मामले को अब राजनीतिक रंग भी दिया जाने लगा है। बारामूला जिले में आतंकवादियों द्वारा सरपंच की गोली मारकर की गई इस घटना को लेकर अब जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ट्विटर पर लोगों के निशाने पर आ गई है। अब आप सोच रहे होंगे की आखिर क्यों इस मामले पर लोगों का गुस्सा महबूबा मुफ्ती पर फूंटा है। तो जरा रुकिए हम आपको बताते हैं क्या है पूरा मामला…

jammu and kashmir

 

दरअसल, मामला कुछ यूं है कि बारामूला में मंजूर अहमद की हत्या को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने दुख जताया था। इस घटना को लेकर ट्विटर पर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए मुफ्ती ने लिखा था, ‘टारगेट किलिंग को लेकर बेहद दुखी हूं। ऐसा लग रहा है कि कश्मीर में खून-खराबे का अंत होता नहीं दिख रहा है। फिर भी भारत सरकार जम्मू-कश्मीर के प्रति अपना नजरिया बदलने को तैयार नहीं है।’

महबूबा मुफ्ती ने इस घटना को लेकर जिस तरह से केंद्र सरकार पर निशाना साधा वो लोगों को पसंद नहीं आया। अब लोग मुफ्ती को उनके इस ट्वीट के लिए निशाने पर ले रहे हैं। यूजर्स उन्हें उस समय की याद दिला रहे हैं जब पहले भी जम्मू-कश्मीर में दिन-दहाड़े हत्या की घटनाएं होती रहती थी। एक यूजर ने तो ये तक कह दिया कि उसके आंसू मगरमच्छ के हैं।

यहां देखें लोगों के किए रिएक्शन

गौरतलब है कि तीन दिनों में मंजूर अहमद दूसरे नागरिक हैं, जिन्हें आतंकियों ने गोली मारकर मौत के घाट उतारा है। इससे पहले बुधवार को कुलगाम जिले में स्थानीय सतीश सिंह की आतंकियों ने हत्या कर दी थी। अधिकारियों ने इस घटना पर बयान देते हुए कहा था कि आतंकवादियों द्वारा आम नागरिकों पर हमले बीते दो हफ्ते में बढ़े हैं। फिलहाल पुलिस सरपंच की हत्या के मामले में कानून की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई कर रही है।