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Rita Bahuguna Joshi Book: रीता बहुगुणा जोशी की लिखी किताब को लेकर मचा बवाल, इंदिरा गांधी को लेकर किया गया ऐसा खुलासा

Rita Bahuguna Joshi Book: किताब में रीता ने दावा किया है कि इंदिरा बेहद की शातिर किस्म की नेत्री थीं, जो पार्टी के किसी भी नेता पर विश्वास नहीं रखती थीं। वे बेहद ही शातिर किस्म की नेत्री थीं। उनके पास चाटूकारों की बकायदा एक मंडली हुआ करता थी, जो हमेशा उन्हें सियासी गलियारों में चल रही  हर प्रकार की गतिविधियों के बारे में जानकारी दिया करते थे।

नई दिल्ली। बीजेपी नेता नेता रीता बहुगुणा जोशी द्वारा लिखित किताब अभी खासा सुर्खियों में है, लेकिन इस किताब में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी समेत अभिनेता अमिताभ बच्चन सहित राजनीतिक के कई ऐसे राज का पटाक्षेप किया गया है, जिसे लेकर राजनीतिक गलियारों में बवाल मचा हुआ है। दरअसल, रीता ने अपनी किताब में इंदिरा गांधी के बारे में लिखा है कि वो कभी नहीं चाहती थीं कि उनके पिता यानी की रीता बहुगुणा जोशी के पिता, कभी देश के प्रधानमंत्री बनें। इसके साथ ही किताब में लिखा गया है कि इंदिरा गांधी को चाटूकारों द्वारा हमेशा से यह डर दिखाया जाता था कि हेमवती नदंन बहुगुणा जोशी की लोकप्रियता पर विराम लगाने की दिशा में कुछ न कुछ करना ही होगा, नहीं तो वे अगले प्रधानमंत्री बन सकते हैं। इसके अलावा रीता ने अपनी किताब में अभिनेता अमिताभ बच्च को गांधी परिवार का मोहरा भी बताया है।

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बीजेपी नेता ने अभिनेता को बेचारा करार दिया है। इतना ही नहीं, किबाब में पूर्व प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह की सियासी समझ पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। बता दें कि किताब के जरिए रीता ने इंदिरा के करीबियों पर भी निशाना साधा है। अपनी लिखित किताब में रीता ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और उप राज्यपाल डा. राजेंद्र कुमारी बाजपेई को भी आड़े हाथों लिया है। इसके अलावा रीता ने अपनी किताब में बताया है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा इलाहबाद का चुनाव रद्द किए जाने में भी इंदिरा को उनके पिता की ही साजिश नजर आती थी।

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किताब में रीता ने दावा किया है कि इंदिरा बेहद की शातिर किस्म की नेत्री थीं, जो पार्टी के किसी भी नेता पर विश्वास नहीं रखती थीं। वे बेहद ही शातिर किस्म की नेत्री थीं। उनके पास चाटूकारों की बकायदा एक मंडली हुआ करता थी, जो हमेशा उन्हें सियासी गलियारों में चल रही  हर प्रकार की गतिविधियों के बारे में जानकारी दिया करते थे। बहरहाल, सियासी गलियारों में उनके द्वारा लिखित यह पुस्तक अभी खासा सुर्खियों में है। लोग इस पर अलग-अलग तरह से अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए नजर आ रहे हैं।