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J-K: मोदी ने ऐसे किया कश्मीर का कायाकल्प, अगस्त 2019 के बाद जम्मू-कश्मीर में यूं हुआ विकास का चमत्कार

Jammu-Kashmir: कश्मीर में तेजी से बदलाव हो रहे हैं। अनुच्छेद 370 और 35A हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में भारतीय संविधान, अन्य राज्यों के समान पूर्णतया: लागू हो चुका है। जम्मू-कश्मीर में आधी आबादी यानि महिलाओं, दलितों (विशेषकर वाल्मिकी समाज), पश्चिमी पाकिस्तानी शरणार्थी, गोरखा समाज, पीओजेके विस्थापितों के लाखों लोगों को समता, समानता और समान अवसर जैसे मूलभूत अधिकार के अलावा स्थायी निवासी होने का हक मिला। उनके साथ जारी राजकीय भेदभाव खत्म हुआ।

नई दिल्ली। कश्मीर में मोदी सरकार ने एक नई क्रांति की शुरूआत कर दी है। अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 खत्म करने के बाद से अब तक कश्मीर में ऐतिहासिक बदलाव हुए हैं। पिछले 23 महीने कश्मीर में क्रांतिकारी परिवर्तनों के नाम रहे हैं। जम्मू-कश्मीर में फिलहाल विधानसभा सीटों के डीलिमिटेशन का काम जारी है। डीलिमिटेशन कमीशन को मार्च 2022 तक रिपोर्ट देनी है। इस प्रक्रिया में राज्य की 90 सीटों का दोबारा परिसीमन किया जाना है जिसमें पिछले परिसीमनों में की गयी गलतियों को सुधारा जायेगा। यानि जम्मू-कश्मीर के हरेक क्षेत्र में तय नियमों के आधार पर बराबर सीटों का बंटवारा होगा। अनुमान है कि इससे जम्मू संभाग में सीटें बढ़ सकती हैं।

कश्मीर में तेजी से बदलाव हो रहे हैं। अनुच्छेद 370 और 35A हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में भारतीय संविधान, अन्य राज्यों के समान पूर्णतया: लागू हो चुका है। जम्मू कश्मीर में आधी आबादी यानि महिलाओं, दलितों (विशेषकर वाल्मिकी समाज), पश्चिमी पाकिस्तानी शरणार्थी, गोरखा समाज, पीओजेके विस्थापितों के लाखों लोगों को समता, समानता और समान अवसर जैसे मूलभूत अधिकार के अलावा स्थायी निवासी होने का हक मिला। उनके साथ जारी राजकीय भेदभाव खत्म हुआ।

सबसे बड़ी बात कि इस बीच कश्मीर में नयी डोमिसाइल पॉलिसी लागू हुई है जिसके तहत देश के अन्य राज्यों के निवासियों को भी जम्मू-कश्मीर में बसने, जमीन खरीदने और स्थायी निवासी बनने का अधिकार मिला। जम्मू-कश्मीर और अन्य राज्यों के बीच की दीवार को हटा दिया गया। इतना ही नही, देश के अन्य हिस्सों में बसे 5300 पीओजेके विस्थापित परिवारों को भी राहत पैकेज दिया गया। साथ ही उनके जम्मू कश्मीर के स्थायी निवासी बनने का रास्ता भी प्रशस्त हुआ। मोदी सरकार के प्रयासों से 7वां वेतन आयोग 31 अक्टूबर 2019 को जम्मू-कश्मीर में तत्काल प्रभाव से लागू किया गया। साथ ही जम्मू-कश्मीर सिविल सर्विस कैडर का अगमुट कैडर में विलय कर दिया गया। इससे प्रशासनिक क्षमता को लेकर जो कमियां थीं, वो दूर हुई।

Kashmir Lal Chowk

मोदी सरकार ने हर क्षेत्र में प्रगति सुनिश्चित की है। अनुच्छेद 370 हटाने के बाद जम्मू कश्मीर में पंचायती राज की स्थापना हुई। जिला पंचायत के चुनाव में 51.7% वोटिंग हुई। जिसमें पहली बार महिला आरक्षण लागू होने के बाद 100 महिला चुनकर आयीं। साथ ही पहली बार 280 जिला पंचायत सदस्य चुने गये और 20 जिलों में पहली बार जिलाध्यक्ष चुने गये जिन्हें डिप्टी कमिश्नर के समान प्रोटोकॉल दिया गया है।

जम्मू कश्मीर में बहुत कुछ पहली बार हुआ। पहली बार प्रदेश में राजनीतिक आरक्षण लागू किया गया। इसके चलते 20 जिलों में 6 महिला जिलाध्यक्ष, 2-2 एससी औऱ एसटी जिलाध्यक्ष चुने गये। मोदी सरकार के प्रयासों के चलते पहली बार चुनाव के दौरान कहीं पर भी गोली नहीं चलानी पड़ी। चुनाव में घपला और अशांति नहीं हुई और भयरहित होकर लोगों ने मतदान किया। 280 सीटों पर कुल 2178 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा, जिसमें 450 महिलाएं थीँ। जिला पंचायत चुनाव में एसटी कैटेगरी में शामिल 38 गुज्जर बक्करवाल जिला पंचायत सदस्य चुनकर आये, जिनमें 15 महिला हैं। अब तक इस जनजाति का राजनीति में प्रतिनिधित्व बेहद कम रहता था।

पंचायत स्तर पर विकास की सुदृढ़ कोशिशों ने जमीनी स्तर पर कश्मीर की तस्वीर बदल दी है। 01 जून 2020-21 से, सरपंचों ने मनरेगा योजना के लिए भुगतान शुरू कर दिया है जिसके परिणामस्वरूप उन्हें इस वर्ष और लगभग 1000 करोड़ रुपए सौंपे जाएंगे। हाल के एक अन्य निर्णय में जम्मू और कश्मीर सरकार ने खनन अधिकार भी पंचायती राज संस्थानों को सौंप दिए हैं। इसके साथ ही 17 महीनों में पंचायतों को सुदृढ़ किया गया और 21 विषयों को पंचायतों के हवाले किया गया और 1500 करोड़ रुपए उनके खाते में डाल कर उन्हें मजबूत किया गया। विस्थापित कश्मीरी हिंदूओं के लिए 6 हजार सरकारी नौकरियों की व्यवस्था पिछले एक साल में की गयी।

जम्मू-कश्मीर में आधारभूत ढांचे के विकास के लिए भी अद्भुत कदम उठाए गए हैं। ऊधमपुर-बारमूला रेल मार्ग का निर्माण जारी है जो अगले साल बनकर तैयार हो जाय़ेगा। इससे कश्मीर के विकास का बेहद ही संभावनाशील मार्ग खुल जाएगा। कश्मीर में बिजली उत्पादन को बढ़ाने के लिए 3300 मेगावाट बिजली क्षमता के संबंध में एक सहमति पत्र पर हस्तक्षर किए गए हैं। जन जन तक केंद्रीय योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए सरकार ने कमर कसी हुई है। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत 3 मार्च 2021 तक 29429 घर बनाये गये हैं।

केंद्र सरकार ने पीएम विशेष राहत पैकेज के तहत जम्मू-कश्मीर के विकास के लिए 80 हजार करोड़ रुपये का पैकेज दिया है। इस पैकज में आईआईटी, आईआईएम और एम्स के अलावा आधारभूत क्षेत्रों जैसे सड़क, बिजली और सिंचाई परियोजनाओं सहित सभी रुके हुये विकास कार्यों को तेजी से पूरा किया जा रहा है। साल 2021 के अंत तक जम्मू-कश्मीर के 11 लाख घरों में स्वच्छ पानी की आपूर्ति का लक्ष्य है। इसके लिए केंद्र सरकार ने 10500 करोड़ रुपये जारी किये हैं। पानी के लिए अब भविष्य में लोगों को सिर्फ प्राकृतिक स्रोतों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।

PM Narendra Modi

विश्वस्तरीय, सुरक्षित, विश्वसनीय और टिकाऊ सार्वजनिक परिवहन सुविधा प्रदान करने के लिए श्रीनगर और जम्मू शहरों के लिए एलिवेटेड लाइट रेल प्रणाली की योजना बनाई जा रही है। इस परियोजना के लिए 10,599 करोड़ रुपये का डीपीआर तैयार किया गया है। लाइट रेल ट्रांजिट सिस्टम (एलआरटीएस) जिसमें जम्मू में एक कोरिडोर और श्रीनगर में दो कोरिडोर होंगे, 4 वर्ष में पूरा हो जाएगा। अनुमान है कि कश्मीर में साल 2024 तक लाइट मेट्रो चलनी शुरू हो जायेगी।

जम्मू-कश्मीर में भविष्य की प्लानिंग अद्भुत है। ये प्लानिंग बताती है कि मोदी सरकार भारत के इस मुकट के कायाकल्प के लिए किस कदर गंभीर है। वित्तीय वर्ष 2020-2021 में जम्मू-कश्मीर इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फाइनेंस कॉर्पोरेशन (जेकेआईडीएफसी) विभाग ने अभी 1313.24 करोड़ की लागत के 593 नई परियोजनाओं को मंजूरी दी। इसमें नागरिकों की सुविधा से जुड़ी परियोजनाएं शामिल हैं। खास बात यह बै कि इनमें ज्यादातर परियोजनाएं 6 महीने के अंदर तैयार कर ली गयीं। इसके तहत 50 नये रोड, 56 ब्रिज और 5 बिल्डिंग शामिल है।

जम्मू-कश्मीर में वो सब हो रहा है जो आजादी के बाद से आज तक नहीं हुआ। जम्मू-कश्मीर में बीआरओ ने लगभग 100 करोड़ की लागत से साल 2020-2021 में 17 महत्वपूर्ण पुल का निर्माण किया है। ये पुल रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सशस्त्र बलों की आवाजाही की सुविधा प्रदान करेंगे और दूर-दराज के सीमावर्ती क्षेत्रों के आर्थिक विकास में भी योगदान देंगे। इनमें 4 अखनूर सेक्टर में स्थित हैं और 2 जम्मू-राजपुरा क्षेत्र में स्थित हैं।

जम्मू रिंग रोड परियोजना का काम जारी, ये करीब 60 किमी लंबा है। सांबा जिले के राया मोड़ से शुरू हुआ जम्मू रिंग रोड, बिशनाह, निक्की तवी अखनूर, कोटभलवाल और जगटी होते हुये जम्मू श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग 1-ए से जुड़ जायेगा। इसके पहले चरण का काम अगस्त 2020 में पूरा कर लिया गया था। सितम्बर 2022 तक सभी 18.16 लाख ग्रामीण परिवार पाइप द्वारा 100% जलापूर्ति से कवर हो जाएंगे। दो जिलों में शत-प्रतिशत घर कवर हो गए हैं, मार्च 2021 तक दो और जिले में शत-प्रतिशत घर कवर हो जाएंगे। मार्च 2022 तक नौ जिले कवर हो जाएंगे और बाकी सात जिले सितम्बर 2022 तक कवर हो जाएंगे।

जम्मू-कश्मीर में स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी क्रांतिकारी प्रगति हुई है। सेहत योजना के तहत जम्मू कश्मीर के सभी लोगों को पाँच लाख रुपये तक निशुल्क स्वास्थ्य सुरक्षा प्रदान करने और स्वास्थ्य बीमा को समावेशी बनाने की मुहिम शुरू की गई है। इसके तहत जम्मू और कश्मीर के सभी निवासियों के लिए फ्लोटर आधार पर प्रति परिवार 5 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा दिया गया है। पीएम-जेएवाई का परिचालन विस्तार एबी-पीएमजेएवाई के तहत पहले से ही कवर किए गए 5.97 लाख परिवारों के अलावा लगभग 15 लाख अतिरिक्त परिवारों तक किया गया है। यह देश में अपनी तरह की पहली योजना है। इस योजना के तहत अब तक 20.02 लाख लाभार्थियों को पंजीकृत किया गया है, जिनमें से 1.91 लाख लाभार्थियों को गोल्डन कार्ड जारी किए गए हैं। ये कश्मीर की दशा और दिशा दोनो को बदलने की तैयारी है।