नई दिल्ली। महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए प्रदेश के सरकारी स्कूलों और कॉलेजों में मुस्लिमों को 5 फीसदी आरक्षण देने का फैसला किया है। एनसीपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और महाराष्ट्र के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री नवाब मलिक ने कहा कि जल्द ही इसे विधानसभा से पारित किया जाएगा।
नवाब मलिक ने बताया कि अभी सरकारी स्कूलों और कॉलेजों में मुस्लिमों को 5 फीसदी आरक्षण दिया गया है और प्राइवेट स्कूलों तथा प्राइवेट नौकरियों में भी मुस्लिमों को यह आरक्षण देने पर विचार किया जा रहा है। भाजपा ने विधानसभा में इस पर आपत्ति लेते हुए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का रुख जानना चाहा, क्योंकि शिवसेना हमेशा से मुस्लिमों को दिए जाने वाले आरक्षण के खिलाफ है। बताया जा रहा है कि शिवसेना के कई विधायकों ने भी इस आरक्षण की मांग की थी।
गौर हो कि इससे पहले एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने भी एक कार्यक्रम के दौरान अल्पसंख्यकों की प्रशंसा की थी। तब उन्होंने कहा था कि अल्पसंख्यकों, विशेष तौर पर मुस्लिमों ने राज्य चुनाव में भाजपा के लिए वोट नहीं किया। उन्होंने कहा कि समुदाय के सदस्य जब कोई निर्णय लेते हैं तो यह किसी पार्टी की हार सुनिश्चित करने के लिए होता है।
बता दें, सरकारी स्कूलों और कॉलेजों में मुस्लिमों को 5 फीसदी आरक्षण का प्रस्ताव सबसे पहले 2014 में कांग्रेस और एनसीपी की सरकार के समय आया था। तब मराठा के लिए 16 और मुसलमानों के लिए 5 फीसदी आरक्षण का प्रावधान ऑर्डिनेंस लाकर किया गया था। हालांकि तब सरकार इस पर फैसला नहीं ले सकी, जिसे उद्धव ठाकरे सरकार ने अब पूरा किया है। नवाब मलिक ने यह भी बताया कि हाई कोर्ट के निर्देश के मुताबिक सरकार ने यह फैसला किया है।