नई दिल्ली। कोरोना के बढ़ते प्रसार और अचानक लगे लॉकडाउन के बीच जहां एक तरफ पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था को बड़ा मुकसान हुआ है वहीं भारत को भी इस मार का सामना करना पड़ रहा है। इस सब के बीच चीन दूसरी तरफ अपनी नापाक चाल वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चल रहा है। जिसको लगातार भारतीय सेना नाकाम कर रही है। वहीं देश की अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए और उसे पटरी पर लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत का मंत्र दिया। इसी मंत्र को भारतीय सेना ने भी अपनाया है। आपको बता दें कि भारतीय सेना के जवानों और पुलिस फोर्स की वर्दी का कपड़ा अब तक पड़ोसी मुल्क चीन, ताइवान और कोरिया से आता था। लेकिन पीएम मोदी के आत्मनिर्भर भारत अभियान का नतीजा है कि अब भारत की जमीन पर ही ऐसे कपड़े का निर्माण किया जाएगा।
भारत में इस तरह सेना की वर्दी के कपड़े का उत्पादन आजादी के बाद पहली बार होना शुरू होगा। बता दें कि सूरत की टेक्सटाइल मिल को भारतीय सेना से 10 लाख मीटर डिफेंस फैब्रिक तैयार करने का पहला ऑर्डर मिला है। डीआरडीओ के दिशा-निर्देश पर यह डिफेंस फैब्रिक तैयार हो रहा है। आपको बता दें कि सेना के 50 लाख से अधिक जवानों के लिए हर साल 5 करोड़ मीटर से ज्यादा की फैब्रिक्स की आवश्यकता होती है। गुजरात में सितंबर में वर्चुअल बैठक में सूरत की टेक्सटाइल इंडस्ट्री से अनुरोध किया गया था कि वह देश की तीनों सेनाओं सहित विभिन्न सैन्य दलों की आवश्यकता के लिहाज से कपड़ा तैयार करे।
आपको बता दें कि कुछ दिन पहले ही डिफेंस फैब्रिक का सैंपल जांच के लिए भेजा गया था। इसकी मंजूरी मिलने के बाद यह कपड़ा तैयार किया जा रहा है। उम्मीद जताई जा रहा है कि अगले दो महीनों में यह फैब्रिक तैयार हो जाएगा।
वहीं सुरक्षा क्षेत्र के लिए कपड़ा बनाने वाले कंपनियों की मानें तो यह कपड़ा हाई टिनैसिटी यार्न से तैयार होता है। यह इतना मजबूत होता है कि इसे हाथ से नहीं फाड़ा जा सकता।