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UP: खनन माफिया पर CM योगी का एक और हथौड़ा, अब लूट नहीं सकेगा कोई यूपी की खनिज संपदा

UP: आवेदन भेजने की तारीख से 15 दिन के अंदर इसे स्वीकृत या अस्वीकृत किया जाएगा। लाइसेंस जारी होने के बाद साधारण मिट्टी के परिवहन के लिए परमिट जारी करने की कार्यवाही निदेशक, भूतत्व एवं खनिकर्म आनलाइन पोर्टल के माध्यम से की जाएगी। खनन लाइसेंस की अवधि, स्वीकृत मात्रा एवं परिवहन के संसाधनों के आधार पर जिलाधिकारी तय करेंगे।

नई दिल्ली। यूपी की योगी सरकार ने खनन माफिया पर शिकंजा और कसते हुए नियमों में बड़ा बदलाव किया है। इसके बाद अब कोई भी यूपी की खनिज संपदा की लूट नहीं कर सकेगा। यूपी सरकार ने साधारण मिट्टी के खनन पर दोहरी व्यवस्था को खत्म कर दिया है। अब 100 घनमीटर तक मिट्टी के खनन और परिवहन के लिए भी ऑनलाइन अप्लीकेशन देकर लाइसेंस लेना होगा। अभी तक इतनी मिट्टी के लिए विभाग की वेबसाइट पर ऑनलाइन पंजीकरण करने को ही परिवहन का परमिट माना जाता था।

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सीएम योगी ने जब इस मामले के बारे में जानकारी ली, तो पता चला कि 100 घन मीटर से कम मिट्टी के खनन और परिवहन की प्रक्रिया आसान होने से इसका दुरुपयोग हो रहा था। इससे राज्य सरकार को खनिज संपदा की चोट देकर राजस्व भी नहीं दिया जा रहा था। इसे रोकने और एकरूपता लाने के लिए साधारण मिट्टी के परिवहन के लिए अब लाइसेंस लेना होगा। अब आवेदन के साथ आवेदक का नाम व पता, मोबाइल नंबर, ई-मेल आइडी, पहचान पत्र, जमीन की खतौनी, आवेदित क्षेत्र को दिखाने वाले खसरा मानचित्र, आवेदन शुल्क, काश्तकार का सहमति पत्र और अन्य जरूरी दस्तावेज अपलोड करने होंगे। आनलाइन आवेदन पत्र की जांच के बाद जिलाधिकारी उसे मंजूरी देंगें।

आवेदन भेजने की तारीख से 15 दिन के अंदर इसे स्वीकृत या अस्वीकृत किया जाएगा। लाइसेंस जारी होने के बाद साधारण मिट्टी के परिवहन के लिए परमिट जारी करने की कार्यवाही निदेशक, भूतत्व एवं खनिकर्म आनलाइन पोर्टल के माध्यम से की जाएगी। खनन लाइसेंस की अवधि, स्वीकृत मात्रा एवं परिवहन के संसाधनों के आधार पर जिलाधिकारी तय करेंगे।