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Uphaar Fire Tragedy: अंसल भाइयों को सात साल की सजा, फैसला सुनाते हुए जज ने कहा- “सजा मिलनी ही चाहिए”

उपहार अग्निकांड: पहार त्रासदी पीड़ित एसोसिएशन ने 24 साल पहले हुए अग्निकांड के सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने के मामले में दोनों भाइयों को उम्रकैद की सजा देने की मांग की थी। दरअसल 13 जून 1997 को दिल्ली के उपहार सिनेमा में ‘बॉर्डर’ फिल्म चल रही थी।

नई दिल्ली। 1997 में दिल्ली के उपहार सिनेमा में हुए अग्निकांड मामले में दिल्ली की अदालत ने अपना फैसला सुनाया है। सबूत मिटाने के आरोप में सुशील अंसल और गोपाल अंसल को सात-सात साल की जेल की सजा सुनाई गई है। दिल्ली की अदालत ने उपहार अग्निकांड मामले में दोनों भाइयों 2.5-2.5 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया है।

आपको बता दें कि उपहार त्रासदी पीड़ित एसोसिएशन ने 24 साल पहले हुए अग्निकांड के सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने के मामले में दोनों भाइयों को उम्रकैद की सजा देने की मांग की थी। दरअसल 13 जून 1997 को दिल्ली के उपहार सिनेमा में ‘बॉर्डर’ फिल्म चल रही थी। शो के दौरान सिनेमा हॉल में आग लग गई, जिसमें 59 लोगों की जान चली गई।

वहीं अपने बचाव में अंसल भाइयों की तरफ से दया की अपील करते हुए कहा गया कि उनकी आयु 80 वर्ष से ज्यादा है और वे परिवार में कमाने वाले एक मात्र सदस्य हैं। इसके अलावा पत्नी की देखभाल करनी है। उसने दो हजार लोगों को रोजगार दिया है। पीड़ितों को 30 करोड़ रुपये मुआवजा दिया है।

इतना ही नहीं, कोर्ट के पूर्व कर्मचारी दिनेश चंद शर्मा एवं अन्य दो आरोपियों पीपी बत्रा और अनूप सिंह को भी सजा सुनाई गई है। इन तीनों को सात-सात साल की कैद की सजा सुनाई गई। तीनों पर 3-3 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। उपहार मामले पर जज ने फैसला सुनाते हुए कहा, ‘मैंने रात-रातभर इस पर विचार किया और मुझे लगा कि उन्हें सजा मिलनी चाहिए।’